महाराष्ट्र रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (महारेरा) राज्य में रियल एस्टेट प्रोजेक्ट और प्रोजेक्ट के प्रमोटरों की ग्रेडिंग शुरू करने की योजना बना रही है. महारेरा ने रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स की रेटिंग निर्धारित करने के लिए मानदंड और प्रक्रिया निर्धारित करने के लिए एक विस्तृत प्रस्ताव तैयार किया है. इसके लिए रेरा ने 15 जुलाई तक विभिन्न हितधारकों के सुझाव और आपत्तियां मांगी हैं.
ग्रेडिंग से क्या फ़ायदा होगा?
इस कवायद के पीछे महारेरा का मकसद होमबॉयर्स के लिए एक सही प्रोजेक्ट का चयन करने में मदद करना है. दरअसल, होमबॉयर्स के पास आमतौर पर आवास क्षेत्र में कई ज़रूरी अनुमतियों और डेवलपर की विश्वसनीयता के बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं होती है और वह ठग लिए जाते हैं या उनका पैसा गलत प्रोजेक्ट में लग जाने पर फंस जाता है. ऐसे में परियोजनाओं की ग्रेडिंग शुरू करने घर खरीदारों को पता होगा कौन सा प्रोजेक्ट और प्रमोटर्स सही है. इससे घर खरीदारों के अधिकारों की रक्षा हो सकेगी और जिस परियोजना में उन्होंने निवेश किया है या निवेश करना चाहते हैं, उसके बारे में विश्वसनीय जानकारी उपलब्ध हो पाएगी.
कैसे की जाएगी ग्रेडिंग?
महारेरा किसी भी परियोजना की रेटिंग निर्धारित करने के लिए कई कारकों पर विचार करेगा. इन कारकों में परियोजना की वित्तीय व्यवहार्यता, सक्षम अधिकारियों से तकनीकी अनुमोदन, लंबित मुकदमों और निर्धारित अवधि के भीतर महारेरा पोर्टल पर अद्यतन की जाने वाली विभिन्न अनुपालन रिपोर्ट शामिल होंगी. रैंकिंग निर्धारित करने के लिए उपरोक्त जानकारी के आधार पर दूसरे और अंतिम चरण में परियोजना के चार महत्वपूर्ण स्नैपशॉट जारी किए जाएंगे. इसमें परियोजना का अवलोकन, परियोजना का तकनीकी, वित्तीय और कानूनी विवरण शामिल होगा. ये रैंकिंग घर खरीदारों के लिए सार्वजनिक रूप से उपलब्ध होगी.
कब जारी होगी पहली ग्रेडिंग लिस्ट?
यह देश में किसी रेरा प्राधिकरण द्वारा इस तरह की पहली पहल होगी. यह ग्रेडिंग सिस्टम जनवरी 2023 के बाद पंजीकृत परियोजनाओं पर लागू होगा. साथ ही परियोजनाओं की रेटिंग की घोषणा साल में दो बार की जाएगी और अक्टूबर 2023 से मार्च 2024 तक की जानकारी के आधार पर, महरेरा का अप्रैल 2024 से पहली ग्रेडिंग सूची तैयार करने का लक्ष्य है.