दिल्ली मेट्रो स्टेशन पर अब यात्रियों को रसोई की वस्तुएं किफायती कीमत पर मिलेंगी. सरकार इस महीने से राजधानी के प्रमुख मेट्रो स्टेशनों पर रिटेल स्टोर खोलकर उपभोक्ताओं को सस्ती दर पर प्याज, दाल और आटा जैसी जरूरी खाद्य वस्तुएं उपलब्ध कराएगी. सरकार का यह प्रोजेक्ट अगर सफल होता है तो इसे आगे मुंबई, चेन्नई और बेंगलूरु जैसे अन्य शहरों में भी शुरू किया जाएगा. गेहूं, चावल, दाल, चीनी, प्याज जैसी जरूरी खाद्य पदार्थों की महंगाई को देखते हुए सरकार यह अनूठी पहल कर रही है.
मेट्रो से हर रोज बड़ी संख्या में लोग सफर करते हैं. DMRC और सरकार मिलकर यात्रियों के लिए नई और खास सुविधा शुरू करने जा रही है. केंद्र सरकार दिल्ली मेट्रो के साथ मिलकर यात्रियों के लिए रसोई की आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध कराने जा रही है. इकॉनोमिक टाइम्स में छपी रिपोर्ट में एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के हवाले से बताया गया है कि केंद्र सरकार इस महीने राजधानी के प्रमुख मेट्रो स्टेशनों पर रिटेल स्टोर खोलकर प्याज, दाल और आटा जैसी रसोई की जरूरी चीजें बेचेगी.
राजीव चौक पर पहला स्टोर
इस रिपोर्ट के अनुसार, पहला रिटेल स्टोर राजीव चौक मेट्रो स्टेशन पर खोला जाएगा, क्योंकि यह स्टेशन सबसे ज्यादा भीड़ वाली जगह है. इसका स्वामित्व और संचालन नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (NCCF) के पास होगा. NCCF सरकार की ओर से कृषि वस्तुओं जैसे खाद्यान्न, दालें, मसाले, तिलहन, फार्मास्युटिकल आइटम और अन्य उपभोक्ता वस्तुओं की खरीद करता है और उपभोक्ताओं को सस्ते दरों पर बेचता है. इससे पहले टमाटर महंगा होने पर भी इसने सस्ते दर पर टमाटर उपलब्ध कराया था. NCCF शुरुआत में दिल्ली के अलग-अलग मेट्रो स्टेशनों पर 15-20 स्टोर खोलने की योजना बना रही है. फिलहाल NCCF सब्सिडी वाले खाद्य पदार्थ बेचने के लिए शहरों में मोबाइल वैन चला रही है.
सरकार के लिए बड़ी चुनौती
रिपोर्ट में कहा गया कि मेट्रो स्टेशनों पर इन स्टोरों को खोलकर, सरकार बड़ी संख्या में उपभोक्ताओं तक पहुंचने और उन्हें दी जा रही सब्सिडी का लाभ उठाने में मदद करने का इरादा रखती है. चुनावी सीजन में बढ़ती महंगाई सरकार के लिए बड़ी चुनौती बन गई है. देश के तीन बड़े राज्यों में भले ही केंद्र सरकार को जीत हासिल हुई है लेकिन 2024 के लोकसभा चुनावों में यह एक बड़ा मुद्दा बन सकता है.
महंगाई उच्च स्तर पर
दरअसल, खराब मौसम के कारण, खुदरा महंगाई जुलाई में 15 महीने के उच्चतम स्तर 7.44% पर थी. वहीं, खाद्य मूल्य महंगाई बढ़कर 11.5% हो गई, जो साढ़े तीन साल में सबसे अधिक है. गेहूं के निर्यात पर रोक लगने के साथ चीनी, प्याज और चावल के शिपमेंट को बैन करने, दालें आयात जैसे सरकार के प्रयासों के बाद से ये महंगाई की रफ़्तार थोड़ी कम हुई है. लेकिन अक्टूबर में यह अब भी 6.61% के ऊंचे स्तर पर बनी हुई है.
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