हफ्ते में पांच दिन काम (5 Day Week) को लेकर बैंक कर्मचारी लंबे समय से मांग कर रहे हैं लेकिन अभी ऐसी किसी योजना को हरी झंडी नहीं मिलती दिख रही है. हालांकि इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (IBA) और पब्लिक सेक्टर बैंक यूनियंस के बीच एक सैद्धांतिक समझौता हो गया है. लेकिन इसे लागू करने से पहले निजी क्षेत्र के बैंकों और सहकारी बैंकों के साथ एक व्यापक सहमति बनानी होगी.
अंग्रेजी अखबार फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक आईबीए और यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के बीच बातचीत पूरी हो चुकी है लेकिन अभी प्रस्ताव वित्त मंत्रालय को भेजा जाना है. इसके अलावा इस मामले में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के साथ भी चर्चा करनी होगी. सरकार के नोटिफिकेशन से पहले निजी क्षेत्र के बैंकों, सहकारी बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को पांच दिन काम करने की प्रणाली पर लाना होगा. इसके अलावा ये सुनिश्चित करना भी जरूरी है कि पांच दिन काम करने का असर चेक क्लियरिंग और दूसरे बैंकिंग कामों पर न पड़े, साथ ही निजी बैंकों के खुले रहने पर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का कारोबार भी प्रभावित न हो.
क्या करना होगा? इस प्रस्ताव को एक बार मंजूरी मिलने के बाद सरकार को निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट (NIA) की धारा 25 के तहत सभी शनिवार को छुट्टियों के रूप में अधिसूचित करना होगा. साथ ही पांच-दिवसीय कार्य सप्ताह के समझौते के तहत बैंकों को प्रतिदिन 40 मिनट ज्यादा काम करना होगा ताकि बैंकों का काम निपटाया जा सके और उन्हें नुकसान न हो. इसका मतलब ये है कि जो बैंक सुबह 10 बजे खुलते हैं और शाम 5 बजे बंद होते हैं फिर वे सोमवार से शुक्रवार सुबह 9:40 बजे से शाम 5:20 बजे तक काम करेंगे.
क्या है व्यवस्था? मौजूदा समय में बैंक हर महीने के दूसरे और चौथे शनिवार को बंद रहते हैं. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक यूनियन लंबे समय से काम के लंबे घंटों और काम की कठिन प्रकृति का हवाला देते हुए पांच दिन के सप्ताह की मांग कर रहे हैं. बैंकरों ने यह भी तर्क दिया है कि अधिकांश लेनदेन जैसे नकद हस्तांतरण और भुगतान अब मोबाइल और इंटरनेट बैंकिंग ऐप पर किए जा सकते हैं और नकद निकासी और जमा एटीएम और नकद जमा मशीनों के माध्यम से किए जा सकते हैं. ऐसे में हफ्ते में 5 दिन काम में कोई बड़ी परेशानी नहीं होगी.
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