कैपिटल मार्केट रेग्युलेटर ने इनवेस्टमेंट बैंकर्स को कहा है कि किसी कंपनी के IPO को लेकर जो वकील या लॉ फर्म सीधे तौर पर कंपनी को सलाह नहीं देते उनका नाम IPO दस्तावेज में शामिल न किया जाए. जब भी किसी कंपनी के IPO की प्रक्रिया शुरू होती है, उस समय कंपनी की तरफ से हायर किए गए इनवेस्टमेंट बैंकर सेबी को बताते हैं कि उन्होंने IPO के लिए जरूरी कंपनी के सभी खातों और दस्तावेजों को ध्यान से खंगाला है. इनवेस्टमेंट बैंकर्स की रिपोर्ट के बाद सेबी की तरफ से IPO को मंजूरी दी जाती है. लेकिन इनवेस्टमेंट बैंकर भी IPO का कानूनी पक्ष रखने के लिए वकीलों या लॉ फर्मों की सेवा लेते हैं. और उनका नाम कंपनी के IPO दस्तावेज में शामिल किया जाता है.
PMLA के दायरे में आएंगे CA और CS
केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ कानून में बड़ा बदला करते हुए, चार्टेर्ड एकाउटेंट्स और कंपनी सेक्रेटरीज को इसके दायरे में शामिल कर दिया है. चार्टेर्ड एकाउटेंट्स और कंपनी सेक्रेटरी अपने क्लाइंट या कंपनी की तरफ से जो भी लेनदेन करेंगे. वह मनी लॉन्ड्रिंग रोधी कानून के दायरे में शामिल होगा. अब CA और CS अगर वित्तीय लेनदेन में किसी तरह की गड़बड़ी करेंगे, तो उन्हें भी एजेंसियों का जांच का सामना करना पड़ेगा.