सरकार बासमती चावल का न्यूनतम निर्यात मूल्य (MEP) को मौजूदा 1,200 अमेरिकी डॉलर प्रति टन से घटाकर 850 अमेरिकी डॉलर प्रति टन करने पर विचार कर रही है. इस मामले में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के साथ आयातकों की बैठक हुई थी. इसमें उन्होंने निर्यात मूल्य घटाए जाने की मांग की थी.
गोयल का कहना है कि सरकार इस पर बहुत गंभीरता से विचार कर रही है. इस सिलसिले में देश के चावल निर्यातक संघों के साथ कई बैठकें की गई हैं. इसके अलावा सरकार ने दुनिया के विभिन्न हिस्सों में बासमती चावल के निर्यात और बासमती चावल की विभिन्न किस्मों के आंकड़े जमा किए हैं. ऐसे में उम्मीद है कि बहुत जल्द इसकी उचित कीमत दी जा सकेगी, जिससे पूरे उद्योग जगत को खुशी होगी. निर्यातकों का कहना है कि न्यूनतम निर्यात मूल्य 1,200 अमेरिकी डॉलर प्रति टन होने के कारण बासमती चावल के विदेशी खरीदार पाकिस्तान का रुख कर रहे हैं.
बता दें अगस्त में सरकार ने सफेद गैर-बासमती चावल के अवैध शिपमेंट को प्रतिबंधित करने के लिए 1,200 अमेरिकी डॉलर प्रति टन से नीचे बासमती चावल के निर्यात की अनुमति नहीं देने का फैसला किया था. अप्रैल-जून तिमाही में गैर-बासमती सफेद चावल का निर्यात 15.54 लाख टन था, जबकि साल भर पहले की समान तिमाही में यह 11.55 लाख टन रहा था. खरीफ फसल वर्ष 2022-23 में देश का कुल चावल उत्पादन बढ़कर 13.55 करोड़ टन पर पहुंचने का अनुमान है जबकि इसके एक साल पहले यह 12.94 करोड़ टन रहा था.