भारत सात देशों के सीमा शुल्क विभागों के साथ पारस्परिक मान्यता समझौतों (MRA) पर हस्ताक्षर कर चुका है. इसके अलावा कई अन्य देशों के साथ एमआरए समझौतों के लिए तेजी से बातचीत चल रही है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी जानकारी दी है.
निर्यातकों को मिलेगा लाभ
अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) और रूस की संघीय सीमा शुल्क सेवा ने इस महीने अधिकृत आर्थिक ऑपरेटर (एईओ) एमआरए पर हस्ताक्षर किए. इससे सीमा पर माल निकासीकि प्रक्रिया आसान होगी. सीमा शुल्क अधिकारियों द्वारा माल की निकासी में दोनों संगठनों से मान्यता प्राप्त एवं विश्वसनीय निर्यातकों को पहले से ज्यादा लाभ मिलेगा.
सीबीआईसी ने दिया बयान
ऑथराइज्ड इकोनॉमिक ऑपरेटर्स कार्यक्रम सीमा शुल्क प्रशासन को सुरक्षित एवं अनुपालक निर्यातकों और आयातकों की पहचान करने और उन्हें बेहतर सुविधा प्रदान करने में सक्षम बनाता है. सीबीआईसी के चेयरमैन संजय कुमार अग्रवाल ने एक विभागीय संदेश में कहा, ‘सीबीआईसी और रूस की संघीय सीमा शुल्क सेवा ने एईओ पारस्परिक मान्यता समझौते पर हस्ताक्षर किए, जो भारतीय आयातकों और निर्यातकों के लिए एक प्रमुख व्यापार सुविधा को बढ़ावा देता है.’
कई देशों के साथ पहले हो चुका है समझौता
अग्रवाल ने कहा कि यह भारतीय सीमा शुल्क विभाग की तरफ से किया जाने वाला सातवां एमआरए समझौता है. इसके अलावा कई अन्य सीमा शुल्क प्रशासनों के साथ सक्रिय रूप से बातचीत की जा रही है. दक्षिण कोरिया, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), हांगकांग और ताइवान समेत सात देशों के लिए एईओ एमआरए पहले से ही लागू हैं.