संयुक्त राष्ट्र (United Nations) के एक अधिकारी ने कहा कि चीन में विदेशी निवेश (Foreign Investment) कम होने से भारत कई पश्चिमी कंपनियों (Western Companies) के लिए एक वैकल्पिक गंतव्य बन गया है. इससे भारत की इकोनॉमिक ग्रोथ ‘काफी बेहतर’ हुई है. संयुक्त राष्ट्र द्वारा 2024 के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि को संशोधित किए जाने के मौके पर विशेषज्ञ ने यह बात कही.
संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक एवं सामाजिक मामलों के विभाग (UN DESA) के आर्थिक विश्लेषण एवं नीति प्रभाग में वैश्विक आर्थिक निगरानी शाखा के प्रमुख हामिद राशिद ने कहा कि भारत को अन्य पश्चिमी स्रोतों से भारत में आने वाले अधिक निवेश से भी लाभ हो रहा है, क्योंकि चीन में कम से कम विदेशी निवेश जा रहा है. भारत कई पश्चिमी कंपनियों के लिए एक वैकल्पिक निवेश स्रोत या गंतव्य बन गया है. मुझे लगता है कि इससे भारत को फायदा हो रहा है.
वह ‘वैश्विक आर्थिक स्थिति एवं संभावनाएं 2024’ के मध्य-वर्ष के ताजा अनुमानों पर जानकारी दे रहे थे. वर्ष 2024 के लिए भारत की वृद्धि संबंधी अनुमान को संशोधित किया गया है. यह अनुमान जताया गया है कि इस वर्ष देश की अर्थव्यवस्था लगभग सात प्रतिशत की दर से बढ़ेगी.
वर्ष 2024 के मध्य तक ‘वैश्विक आर्थिक स्थिति व संभावनाओं’ संबंधी आंकड़ों में कहा गया है कि भारत की अर्थव्यवस्था 2024 में 6.9 प्रतिशत और 2025 में 6.6 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है, जो मुख्य रूप से मजबूत सार्वजनिक निवेश और लचीली निजी खपत से प्रेरित है. हालांकि, कमजोर बाहरी मांग का व्यापारिक निर्यात वृद्धि पर असर जारी रहेगा, औषधि और रसायनों के निर्यात में जोरदार वृद्धि की उम्मीद है.
मध्य वर्ष के ताजा आंकड़ों में भारत के लिए 6.9 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि का अनुमान इस साल जनवरी में संयुक्त राष्ट्र द्वारा लगाए गए 6.2 प्रतिशत की वृद्धि दर के अनुमान से अधिक है. चीन के लिए इसमें मामूली वृद्धि की गई है. अब चीन की 2024 में ग्रोथ रेट 4.8 प्रतिशत रहने की उम्मीद है, जिसका जनवरी में 4.7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था. चीन की ग्रोथ रेट 2023 की 5.2 प्रतिशत दर से घटकर 2024 में 4.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है.