रुपए पैसों के लेनदेन से लेकर अन्य जरूरी कामों के लिए केवाईसी प्रक्रिया का पूरा होना बेहद जरूरी है. मगर केवाईसी रजिस्ट्रेशन करने वाली इकाइयों यानी केआरए को करोड़ों निवेशकों की KYC अधूरी मिली है. जिसके चलते 1.3 करोड़ निवेशकों के खाते होल्ड कर दिए हैं. ऐसे में वे न तो स्टॉक मार्केट में और न ही म्यूचुअल फंड और कमोडिटी में ट्रांजैक्शन कर सकते हैं. केआरए की ओर से मंगलवार को जारी एक सूचना में बताया गया कि सेबी के दायरे में आने वाले लगभग 11 करोड़ निवेशकों में से, लगभग 1.3 करोड़ खाते नियमों के अनुरूप नहीं पाए गए हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक कई निवेशकों के केवाईसी अभी भी पैन और आधार के साथ अपडेट नहीं किए गए हैं. इनमें से कई केवाईसी यूटिलिटी बिल जैसे- बिजली, टेलीफोन, बैंक खाता डिटेल्स आदि दस्तावेजों का उपयोग करके किए गए थे. मगर सेबी के नए नियम के तहत केवाईसी अनुपालन के लिए ये दस्तावेध अब वैध नहीं हैं, नतीजतन इन्हें स्वीकार नहीं किया जा सकता है.
तीन कैटेगरी में बांटी गई है केवाईसी
1 अप्रैल से लागू केवाईसी अपडेट करने की प्रक्रिया के तहत केआरए ने हर निवेशक के केवाईसी को तीन कैटेगरी में बांटा है, जिनमें वैलिडेट, रजिस्टर्ड और होल्ड शामिल है. केआरए के एक अधिकारी ने बताया कि केवाईसी का वर्गीकरण निवेशकों के पैन, आधार, ईमेल और मोबाइल नंबर की उपलब्धता पर आधारित था. डेटा के अनुसार लगभग 11 करोड़ निवेशकों में से करीब 7.9 करोड़ या 73% निवेशकों के पास वैलिड केवाईसी है. जबकि लगभग 1.6 करोड़ निवेशकों की केवाईसी रजिस्टर्ड कैटेगरी में है. वहीं जिन लोगों ने बैंक डिटेल्स, यूटिलिटी बिल और अन्य समान दस्तावेजों का उपयोग करके केवाईसी की है उन्हें होल्ड पर रखा गया है.
दोबारा करानी होगी केवाईसी
केवाईसी रजिस्ट्रेशन करने वाली इकाइयों के अनुसार वैलिडेट केवाईसी वाले निवेशकों को अपडेशन की जरूरत नहीं है. वे अपनी निवेश प्रक्रिया जारी रख सकते हैं. वहीं रजिस्टर्ड केवाईसी वाले भी अपना निवेश जारी रख सकते हैं, लेकिन अगर वे किसी नए फंड हाउस में निवेश करते हैं या नया डीमैट खाता खोलते हैं तो उन्हें दोबारा केवाईसी करानी होगी. वहीं जिनका खाता होल्ड पर डाला गया है उन्हें तब तक निवेश करने या ट्रांजैक्शन की अनुमति नहीं मिलेगी जब तक की वे नई प्रक्रिया के तहत अपनी केवाईसी पूरी नहीं करते हैं.