देश में हाउसिंग इन्वेंट्री घटने के साथ घरों की कीमतों में काफी तेजी आई है. हाउसिंग इन्वेंट्री का मतलब उन घरों से है जो बनकर तैयार हैं और बिकी नहीं हैं. हाउसिंग इन्वेंट्री पिछली चार तिमाहियों के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है. रिपोर्ट में एनारॉक रिसर्च के हवाले से कहा गया कि इस साल की पहली छमाही में घरों की बिक्री में काफी तेजी आई. इस दौरान 2.3 लाख हाउसिंग यूनिट बेचे गए, वहीं 2.1 लाख यूनिट लॉन्च किए गए.
रिपोर्ट में जेफ्रीज के एक नोट का भी हवाला दिया गया. इस नोट में कहा गया कि इस साल जुलाई और अगस्त में मांग बनी रही. जुलाई में शीर्ष 7 शहरों में बिक्री सालाना आधार पर 20% से ज्यादा बढ़ी जबकि कीमतों में 10 से 12 फीसद की वृद्धि हुई.
जेफ्रीज के मुताबिक जहां कीमतों में मजबूती से डेवलपर को और हाउसिंग यूनिट लॉन्च करने करने का बढ़ावा मिल रहा है, ये तब भी मांग को पूरी करने के लिहाज से काफी नहीं है. साथ ही इन्वेंट्री का मौजूदा लेवल एक साल पहले की तुलना में पूरी तरह स्थिर है और 17 महीने के सबसे निचले स्तरों के करीब है. जेफ्रीज ने ये भी बताया कि कीमतों में दो अंकों की वृद्धि इस पूरे वित्त वर्ष (2023-24) में बनी रहने का अनुमान है.
जुलाई 2020 के बाद से इन्वेंट्री का लेवल नीचे आता जा रहा है. कीमतों में तेजी का दौर तब से शुरू हुआ जब इन्वेंट्री लेवल 20 से 25 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया था. अब फिर से लेवल का 17 महीने के निचले स्तर पर पहुंचना घर खरीदारों के लिए ये अच्छी खबर नहीं है. जब तक बाजार में नई सप्लाई नहीं आती, उन्हें घर खरीदने के लिए ज्यादा पैसे खर्च करने होंगे.