हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शुक्रवार को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 1.89 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश करते हुए कुछ फसल ऋणों पर ब्याज और जुर्माना माफ करने की घोषणा की. बजट प्रस्तावों की घोषणा ऐसे समय में की गई जब किसानों ने पंजाब-हरियाणा सीमाओं पर अपना विरोध प्रदर्शन तेज कर दिया है. खट्टर ने कहा कि उनकी सरकार ने किसानों के कल्याण के लिए कई कदम उठाए हैं और 14 फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) दिया जा रहा है.
सरकार ने ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले सैनिकों के परिवारों के लिए आर्थिक मुआवजे को दोगुना कर एक करोड़ रुपये करने का भी फैसला किया है. खट्टर राज्य के वित्त मंत्री भी हैं. उन्होंने विधानसभा में बजट पेश करते हुए कहा कि मैं 2024-25 के लिए 1,89,876.61 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित करता हूं जो 2023-24 के 1,70,490.84 करोड़ रुपये (संशोधित अनुमान) से 11.37 प्रतिशत अधिक है. उन्होंने एक बड़ी घोषणा में कहा कि किसानों द्वारा प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS) से लिए गए फसल ऋण पर ब्याज और जुर्माना माफ किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि मैं फसल ऋण पर ब्याज तथा जुर्माना माफ करने की घोषणा करता हूं. यदि फसल ऋण 30 सितंबर 2023 तक लिया गया हो और मूल राशि का भुगतान 31 मई 2024 तक कर दिया गया तो साथ ही किसान एमएफएमबी (मेरी फसल मेरा ब्योरा) के साथ पंजीकृत हो. उन्होंने कहा कि ऐसे ऋण एमएफएमबी मंच पर पंजीकृत किसानों द्वारा लिया जाना चाहिए. उसके बाद किसान खरीफ सीजन में पीएसीएस से फसल ऋण के लिए पात्र होंगे.
मुख्यमंत्री की इस घोषणा के बाद विपक्ष के नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा ने उनसे पूछा कि आप किसानों की बात करते हैं, फिर आप किसानों पर एनएसए (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) क्यों लगाते हैं. किसान हरियाणा की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इसके जवाब में खट्टर ने कहा कि जितने किसान आपके प्यारे हैं, उतने ही हमे भी हैं. उन्होंने कहा कि मैं किसान का बेटा हूं, मैं किसानों का दर्द समझता हूं. जब मैंने किसानों के हित में एक योजना की घोषणा की है, तो या तो आप इसे पचा नहीं पा रहे हैं या पसंद नहीं कर रहे हैं. इस बीच, हरियाणा पुलिस ने शुक्रवार को किसान आंदोलन का हिस्सा रहे कुछ किसान नेताओं के खिलाफ एनएसए के प्रावधानों को लागू करने के अपने फैसले को वापस लेने की शुक्रवार को जानकारी दी है.
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