अमेरिका में नौकरी कर रहे हजारों भारतीयों के लिए अच्छी खबर है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की मुलाकात के बाद अमेरिका ने भारतीयों के लिए एच1बी (H1B) वीजा की राह आसान कर दी है. अब भारतीय पेशेवरों को अपने कार्य संबंधी वीजा को रिन्यू कराने के लिए विदेश यात्रा की जरूरत नहीं होगी. अमेरिकी अधिकारियों ने घोषणा की है कि अब वह यहीं रहकर अपना एच1बी वीजा रिन्यू करा सकेंगे. इस फैसले का मकसद उन तमाम भारतीयों को राहत देना है जो अमेरिका में रहकर काम कर रहे हैं.
क्या है H-1B वीजा? एच1बी वीजा एक गैर अप्रवासी वीजा है. इसी वीजा के आधार पर अमेरिकी कंपनियां बाहरी देशों के लोगों को अपने यहां काम करने की अनुमति देती हैं. खासतौर पर सैद्धांतिक या तकनीकी विशेषज्ञता वाले क्षेत्रों में इनकी जरूरत होती है. भारत की जो आईटी कंपनियां अमेरिकी प्रोजेक्टों पर काम कर रही हैं, भारतीय पेशेवरों की नियुक्ति के लिए वह एच1बी वीजा पर निर्भर रहती हैं. इस वजह से इस वीजा को कार्य वीजा भी कहा जाता है.
क्या हैं वीजा नवीनीकरण से जुड़े नियम? साल 2004 तक गैर अप्रवासी वीजा की कुछ श्रेणियां, खासतौर पर एच-1बी के रिन्यूअल के लिए अमेरिका में मुहर लगाई जा सकती थी. इसके बाद इसमें कुछ बदलाव हुए जिसके तहत एच-1बी वीज़ा नवीनीकरण सहित गैर आप्रवासी वीज़ा के लिए विदेशी तकनीकी कर्मचारियों को देश से बाहर जाना पड़ता था. ज्यादातर कर्मचारियों को अपने पासपोर्ट पर एच-1बी एक्सटेंशन की मुहर लगवाने के लिए अपने ही देश में जाना पड़ता था. यह वीजा एक बार में तीन साल के लिए जारी किया जाता है. अब अमेरिकी में ही रिन्यू कराने की सुविधा मिलने से पेशेवरों को बड़ी राहत मिलेगी.
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