प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना को ज्यादा से ज्यादा सफल बनाने के लिए चौथे चरण की तयारी कर ली है. कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय ने इसके लिए गाइडलाइन जारी कर दी हैं. पिछले तीन चरणों की चुनौतियों को देखते हुए चौथे चरण में कई सुधार किए गए हैं. इस योजना को रोजगारपरक बनाने के लिए महीनों से चल रहे प्रयासों को रूपरेखा में ढाल दिया गया है. चौथे चरण में युवाओं को इस योजना का उचित लाभ मिले इसके लिए, हर जिले का अलग ‘स्किल डेवलपमेंट प्लान’ बनाने का महत्वपूर्ण निर्णय किया गया है.
2014 में शुरू हुई योजना
केंद्र सरकार ने साल 2014 में कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय बनाया. इसके बाद, मंत्रालय ने प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 2015 में शुरू की. इसके पहले चरण में 19.86 लाख, दूसरे चरण में 1.10 लाख और तीसरे चरण में 7.37 लाख सहित कुल 1.37 करोड़ युवाओं को कौशल प्रशिक्षण दिया गया. हालांकि इस योजना में बहुत ज्यादा सफलता नहीं मिल रही थी. इसलिए इस बार के बजट में प्रधानमंत्री मोदी ने जल्द नए सुधारों और भविष्य की आवश्यकता के अनुरूप चौथा चरण लागू करने की घोषणा कर दी.
चौथे चरण की गाइडलाइन जारी
मंत्रालय ने कई सुधार के साथ प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के चौथे चरण की गाइडलाइन जारी कर दी हैं. इस बार इस योजना में कई बदलाव किए गए हैं. इस बार डिस्ट्रिक्ट स्किल डेवलपमेंट प्लान के लिए यह स्थानीय श्रम बाजार और स्किल गैप का आकलन कर स्किल मैपिंग की जाएगी. जिस जिले में इस योजना की जरूरत ज्यादा होगी, वहां एक्शन प्लान प्रस्तावित किया जाएगा. इसके बाद, राज्य और केंद्र शासित प्रदेश स्टेट स्किल डेवलपमेंट प्लान तैयार किया जाएगा. इसके बाद, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय के अधीन कार्यरत राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) नेशनल स्किल डेवलपमेंट प्लान बनाएगा.
जिला स्तर पर कमेटी बनाई जाएगी
इसकी मॉनिट्रिंग पर निगरानी रखने के लिए मंत्रालय के सचिव की अध्यक्षता में एक स्टीयरिंग कमेटी और योजना को लागू कराने के लिए मंत्रालय के अपर सचिव या संयुक्त सचिव की अध्यक्षता में एग्जीक्यूटिव कमेटी बनाई जाएगी. जिला स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में डिस्टि्रक्ट स्किल कमेटी बनाई जाएगी. सरकार ने चौथे चरण में प्रशिक्षण, निगरानी, रोजगार उपलब्ध कराने की बेहतरीन व्यवस्था के लिए नए प्रयास किये हैं.