वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने शनिवार को एक अहम फैसला लेते हुए आम लोगों को बड़ी राहत दी है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई जीएसटी परिषद की 52वीं बैठक में मिलट या मोटे अनाजों के आटे से बने उत्पादों पर जीएसटी घटाने का फैसला लिया गया है. अभी तक इन उत्पादोंपर 18 फीसदी की दर से जीएसटी लगता था, यह अब घटकर 5 फीसदी रह जाएगा.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि 70 प्रतिशत मोटे अनाज वाले आटे को अगर खुला बेचा जाए तो इसपर पर शून्य प्रतिशत जीएसटी लगेगा. इसे पैक करके बेचने पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगेगा. बता दें कि जीएसटी काउंसिल की फिटमेंट कमेटी ने छूट की सिफारिश की थी. हालांकि समिति ने बाजरे से तैयार उपज पर कोई प्रोत्साहन देने से इनकार कर दिया था.
बता दें कि सरकार देशभर में मिलेट्स के इस्तेमाल को बढ़ावा दे रही है. सरकार ने मोटे अनाज के उत्पादन से लेकर इसके सेवन को बढ़ाने के लिए पिछले दिनों कई प्रोत्साहन प्रस्तुत किए हैं. इसी क्रम में जीएसटी परिषद ने इस पर जीएसटी की दरों को कम करने का फैसला लिया है. इससे पहले जीएसटी परिषद की 51वीं बैठक 2 अगस्त 2023 को हुई थी. इस बैठक में ऑनलाइन गेमिंग, कैसिनो, हॉर्स रेसिंग को लेकर जीएसटी की दरों में फैसला लिया गया है.
शीरा पर भी घटा जीएसटी
जीएसटी परिषद ने गन्ने से बनने वाले और एल्कोहल के लिए कच्चे माल की तरह उपयोग किए जाने वाले शीरा पर भी जीएसटी को घटा दिया है. अभी तक शीरा पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगता है, जिसे घटाकर पांच प्रतिशत करने का फैसला किया है। परिषद ने पीने योग्य एल्कोहल पर कर से छूट दी है। छत्तीसगढ़ के उप-मुख्यमंत्री और जीएसटी परिषद के सदस्य टी एस सिंह देव ने कहा कि औद्योगिक प्रयोग के लिए अतिरिक्त तटस्थ एल्कोहल (ईएनएल) पर जीएसटी लगता रहेगा.
ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों का उठा मुद्दा
दिल्ली और गोवा जैसे कुछ राज्यों ने कथित जीएसटी चोरी के लिए ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों पर जीएसटी डिमांड नोटिस भेजे जाने का मामला उठाया। इन कंपनियों पर पिछली तारीख से लगने वाले शुल्क (कर मांग नोटिस) पर चर्चा हुई. चूंकि डीजीजीआई एक स्वतंत्र संस्था है, इसलिए इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता.
जीएसटी परिषद के फैसले पर एग्रीमंडीलाइव रिसर्च के सह-संस्थापक एवं सीईओ उप्पल शाह ने कहा, “शीरा पर जीएसटी को 28% से घटाकर 5% करने के जीएसटी परिषद का फैसला स्वागत योग्य है. यह गन्ना आधारित इथेनॉल उत्पादकों के लिए एक बड़ा प्रोत्साहन है. इससे इथेनॉल उत्पादन को और बढ़ावा मिलेगा. हमें 2025 तक लगभग 1,016 करोड़ लीटर इथेनॉल की आवश्यकता होगी. आज का निर्णय 20% इथेनॉल मिश्रण के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगा.
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