निम्न और निम्न मध्यम वर्ग को ध्यान में रखते हुए घरों की छत पर लगने वाले सोलर पैनल के लिए सरकार ने सब्सिडी को बढ़ाने का फैसला करने जा रही है. बिजली मंत्री आरके सिंह ने शुक्रवार को कहा कि सौर ऊर्जा से बिजली उत्पादन के लिए, घर की छत पर सोलर प्लांट के लिए सरकार सब्सिडी को बढ़ाने जा रही है और सब्सिडी बढ़कर 60 फीसद तक पहुंच सकती है. फिलहाल घर की छत पर सोलर प्लांट के लिए सरकार की तरफ से 40 फीसद सब्सिडी दी जाती है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल में अंतरिम बजट भाषण में 1 करोड़ घरों को प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना से जोड़े जाने की बात कही थी. यह योजना उन घरों पर ध्यान केंद्रित करेगी जिनकी खपत 300 यूनिट से कम है, जिसमें आम तौर पर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग शामिल है. उनके लिए लोन लेना और आवेदन करना एक समस्या है. इस योजना के जरिए उन्हें मदद मिलेगी. इन परियोजनाओं को लागू करने के लिए राज्यों में विशेष प्रयोजन वाहन (एसपीवी) बनाए जाएंगे.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सरकार रूफटॉप सोलर योजना को लागू करने के लिए एनटीपीसी, एनएचपीसी, पावर ग्रिड कॉरपोरेशन और एसजेवीएन जैसी राज्य-संचालित बिजली क्षेत्र की कंपनियों को शामिल करने की योजना है. इसमें आरईसी लिमिटेड को नोडल एजेंसी बनाए जाने की संभावना है.
कैसे काम करेगी योजना?
योजना के कार्यान्वयन के दो भाग हैं. एक हिस्से में एसपीवी 3 किलोवाट तक लोड वाले उपभोक्ताओं को जोड़ा जाएगा. इसके बाद पूंजीगत लागत का 40% गैर-सब्सिडी वाला हिस्सा एसपीवी की ओर से उधार लिया जाएगा. ऐसे घरों में छत पर सौर परियोजना से उत्पन्न होने वाली अतिरिक्त बिजली इकाइयां, वर्चुअल नेट मीटरिंग से निगरानी की जाएंगी. एसपीवी की ओर से ऋण का भुगतान करने में उपयोग की जाएंगी. ऋण का भुगतान 10 वर्षों में किया जाएगा.
300 यूनिट या 2.5-3kW लोड से ऊपर के घरों के लिए सब्सिडी 40% ही रहेगी, जबकि बाकी निवेश के लिए किसी भी बैंक से ऋण उपलब्ध होगा. जरूरत पड़ने पर परियोजना एसपीवी की ओर से स्थापित की जा सकती है. एसपीवी कोई अतिरिक्त मार्जिन न वसूलें इसके लिए केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण निगरानी बनाए रखेगा.