असंगठित क्षेत्र (Unorganised Sector) के लाखों कामगारों को सामाजिक सुरक्षा मुहैया कराने के लिए सरकार जुट गई है. उन्हें सशक्त बनाने और आवास, स्वास्थ्य देखभाल, बीमा, पेंशन और खाद्यान्न सहायता जैसी कई उपयोगी योजनाओं का लाभ लेने में मदद के लिए सरकार डेटा बेस तैयार कर रही है. इसके लिए श्रम और रोजगार मंत्रालय मौजूदा सरकारी कल्याण योजनाओं के लाभार्थियों के डेटा को ई-श्रम पोर्टल के साथ मर्ज करके असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों का एक व्यापक डेटाबेस बना रहे हैं. इससे लगभग 30 करोड़ ई-श्रम-पंजीकृत श्रमिकों को लाभ मिलेगा.
बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट के मुताबिक एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि यह डेटाबेस एक कंवर्जन सिस्टम के जरिए तैयार किया जाएगा, जिससे संबंधित सरकारी विभागों को अपने डेटाबेस को पोर्टल पर ऑनबोर्ड करने के लिए ई-श्रम पोर्टल का स्वामित्व लेना होगा. डेटाबेस तैयार करने के इस पहल के तह कल्याण और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं और श्रमिक डेटा को एक प्लेटफॉर्म पर एक साथ लाया जाएगा.
सभी मंत्रालयों को डेटा करना होगा मर्ज
अधिकारी के मुताबिक सभी मंत्रालयों को अपने प्रभारी कर्मचारियों से संबंधित अपने डेटाबेस को ऑनबोर्ड करने पर ध्यान देना होगा. साथ ही प्रमुख सरकारी कल्याण योजनाओं के प्रभारी मंत्रालयों को भी अपना डेटा अपलोड करना होगा. इसके लिए उन्हें ई-श्रम पोर्टल के साथ मर्ज करना होगा. उदाहरण के लिए, आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के पास स्ट्रीट वेंडरों का डेटा होगा और वित्त मंत्रालय के पास अटल पेंशन योजना का डेटा होगा. वे इस डेटा को ई-श्रम पोर्टल पर एक साथ लाएंगे.
2021 में लॉन्च हुआ था पोर्टल
श्रम मंत्रालय ने 2021 में ई-श्रम पोर्टल लॉन्च किया था. यह प्लेटफॉर्म असंगठित श्रमिकों का राष्ट्रीय डेटाबेस है. जिसमें कृषि, घरेलू, निर्माण, गिग और प्लेटफ़ॉर्म श्रमिक आदि शामिल हैं. पोर्टल श्रमिकों के नाम, व्यवसाय, पता, शैक्षिक योग्यता और कौशल प्रकार जैसे विवरण जुटाता है. मार्च 2024 तक करीब 295 मिलियन श्रमिकों ने पोर्टल पर पंजीकरण कराया था. ई-श्रम कार्ड धारकों को मृत्यु की स्थिति में 2 लाख रुपए और स्थायी विकलांगता की स्थिति में 1 लाख रुपए का दुर्घटना बीमा लाभ देता है.
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