इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) के निर्माण को बढ़ावा देने के लिए सरकार इसके लिए चलाई जा रही FAME-II प्रोत्साहन योजना के विस्तार पर विचार कर रही है. अगले वित्तीय वर्ष में ईवी निर्माण के लिए सरकार अंतरिम बजट में अतिरिक्त संसाधनों की मांग कर सकती है. हालांकि फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (FAME) योजना के तीसरे संस्करण को अभी तक वित्त मंत्रालय से मंजूरी नहीं मिली है. ऐसे में नई प्रक्रिया के लागू होने तक वर्तमान संस्करण का विस्तार करने की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं.
सूत्रों के मुताबिक FAME II के लिए वोट ऑन अकाउंट में अतिरिक्त फंड की मांग की जा सकती है. नई योजना के लिए कई एप्रूवल की जरूरत नहीं होगी. वित्त मंत्रालय अभी तक FAME III को मंजूरी देने के लिए उत्सुक पनहीं है, ऐसे में अनुमान है कि इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों, इलेक्ट्रिक बसों और ट्रैक्टरों को अपनाने को प्रोत्साहित करने के लिए अगले पांच वर्षों में 30,000 रुपए करोड़ से अधिक के ऑउटले की जरूरत होगी. बता दें भारी उद्योग मंत्रालय (MHI) ने FAME II के तहत 1 दिसंबर, 2023 तक बेचे गए लगभग 1.15 मिलियन इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए सब्सिडी में 5,228 करोड़ रुपए दिए गए हैं.
कार्बन उत्सजर्न को कम करने की कोशिश
विश्व के शीर्ष 10 प्रदूषित शहरों में से तीन भारत में हैं. सरकार वाहनों से होने वाले कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को अपनाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है. उसने 2030 तक देश में सभी नए वाहनों की बिक्री में ईवी की 30% हिस्सेदारी का लक्ष्य रखा है. अभी वाहनों की कुल बिक्री में ईवी की हिस्सेदारी कम है. कारों में लगभग 2% से लेकर दोपहिया वाहनों में 5% तक ही हिस्सेदारी है. ऐसे में सरकार लगातार इसे बढ़ावा दे रही है. दशक के अंत तक देश वैश्विक स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल बाजार बनने की उम्मीद है.