दूरसंचार ऑपरेटर्स ने सरकार से मैसेज और कॉलिंग की सुविधा देने वाले ऐप्स (Apps) पर लाइसेंसिंग शर्तें लागू करने के लिए कहा है. आपरेटर्स ने ये आग्रह व्हाट्सएप पर विदेशी नंबरों से आ रहे फर्जी कॉल में वृद्धि के बाद किया है. कई यूज़र्स ने व्हाट्सएप पर विदेशी नंबर से फ़ोन आने की शिकायत की है. इन नंबर से आने वाले फ़ोन और मैसेज पर लोगों को घर बैठे काम के नाम पर ठगा भी जा रहा है. सरकार ने इस मामले में जांच भी शुरू कर दी है.
सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया (COAI) ने इस संबंध में दूर संचार विभाग को लिखे एक पत्र में ऐप्स पर लाइसेंसिंग शर्तें लगाने की सिफ़ारिश की है. इसमें कहा गया है कि भारत में सभी दूरसंचार कंपनियों को आवाज और वीडियो कॉल के लिए लाइसेंस शर्तों में दूरसंचार विभाग द्वारा निर्धारित कड़े नियमों और सुरक्षा प्रावधानों का पालन करना ज़रूरी है. COAI ने इन ओटीटी और ऐप्स को उचित लाइसेंस शर्तों के तहत लाने और उन्हें हर तरह से दूरसंचार सेवाओं के बराबर मानने का सुझाव दिया है. एसोसिएशन का कहना है कि ओटीटी प्लेटफॉर्म या ऐप्स पर इस तरह की अनचाही कॉल्स में हालिया तेजी से धोखाधड़ी या सुरक्षा चूक हो सकती है. इन ऐप्स पर कम्युनिकेशन एन्क्रिप्ट होता है और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के पास इन्हें इंटरसेप्ट करने के लिए कोई नियमन नहीं है. इस वजह से कोई कदम उठाना मुश्किल हो जाता है.
बता दें कि सरकार इंडियन टेलीकम्युनिकेशन बिल, 2022 का ड्राफ्ट तैयार कर चुकी है और इस ड्राफ्ट के तहत इंटरनेट कॉलिंग करने वाले ऐप्स को भी टेलीकॉम लाइसेंस की जरूरत होगी. इसके मुताबिक WhatsApp, Skype, Zoom, Telegram और Google Duo जैसे कॉलिंग और मैसेजिंग सर्विस ऐप्स को भारत में ऑपरेट करने के के लिए टेलीकॉम कंपनियों की तरह ही लाइसेंस की जरूरत होगी. वहीं OTT प्लेटफॉर्म्स को भी नए टेलीकम्युनिकेशन बिल में शामिल किया गया है.