नेशनल मेडिकल काउंसिल (NMC) ने पिछले महीने डाक्टरों को जेनरिक दवा लिखनेको लेकर जो आदेश दिया था, सरकार ने उस आदेश को बदलने के लिए कहा है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने NMC को यह आदेश दिया है. पिछले महीने नेशनल मेडिकल काउंसिल ने रजिस्टर्ड मेडिकल प्रेक्टिशनर रेग्युलेशन एक्ट 2023 के तहत सभी डाक्टरों को उपचार के लिए जेनरिक दवा लिखने का आदेश दिया था और साथ में यह भी कहा था कि डॉक्टर ऐसा नहीं करते तो उनके खिलाफ दण्डात्मक कार्रवाई होगी. लेकिन सरकार के फैसले के बाद अब डॉक्टरों को उपचार के लिए जेनरिक दवा लिखने की वाध्यता नहीं होगी.
पिछले महीने NMC के आदेश के बाद डॉक्टरों के संगठन इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और फार्मा कंपनियों के संगठन ने स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया के साथ मुलाकात की थी, मुलाकात के बाद स्वास्थ्य मंत्री ने कहा था कि आदेश को लागू किए जाने से पहले सभी पक्षों के साथ बात की जाएगी. अब सरकार ने नेशनल मेडिकल एसोसिएशन को आदेश बदलने के लिए बोल दिया है.
डॉक्टरों को जेनरिक दवा लिखने की वाध्यता और नियम नहीं मानने पर सजा का इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने विरोध किया था. NMC के प्रावधान के तहत अगर कोई डॉक्टर जेनरिक दवा नहीं लिखता तो 30 दिन के लिए उसका रद्द हो सकता था. यही वजह थी कि डॉक्टर इस फैसले का विरोध कर रहे थे.
नियम में एक और प्रावधान था जिसके तहत डॉक्टरों को कहा गया था कि मरीज के उपचार के लिए किसी कंपनी की जेनरिक दवा को प्राथमिकता नही देनी है, उल्टे मरीज को जन औषधी केंद्र से दवा खरीदने के लिए प्रोत्साहित करना है. लेकिन अब सरकार की मध्यस्थता के बाद इन तमाम प्रावधानों पर फिलहाल रोक लग गई है.