भारत सरकार की अगले कुछ सालों में राष्ट्रीय राजमार्ग के मोनेटाइजेशन (मौद्रिकरण) के जरिये करीब 2 लाख करोड़ रुपए (24.1 अरब डॉलर) जुटाने की योजना है. रेटिंग एजेंसी केयरऐज ने इस बात का खुलासा किया है. एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के अगले तीन सालों में वार्षिक आधार पर करीब 4000 से 4500 किलोमीटर सड़कों का निर्माण करने का अनुमान है. सरकार इन राजमार्गों से राजस्व जुटा सकती है. राजस्व जुटाने के लिए सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर इनवेस्टमेंट ट्रस्ट (InvIT) या फिर टोल-ऑपरेट-ट्रांसफर (TOT) मॉडल का इस्तेमाल कर सकती है.
सरकार की वर्तमान योजना, जो पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल पर आधारित है, सफल रही है. इस मॉडल के तहत मार्च, 2020 से पहले आवंटित की गई 88 फीसदी सड़क परियोजनाएं अब ऑपरेशनल हो चुकी हैं और इनका अब मौद्रिकरण के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है.
रेटिंग एजेंसी ने कहा है कि 2020 से पहले आवंटित परियोजनाओं में से केवल 12 फीसदी में उनके ऑपरेटरों की कमजोरियों के कारण देरी हुई है. मार्च 2020 से पहले आवंटित 88 फीसदी सड़क परियोजनाओं ने सफलतापूर्वक परिचालन का दर्जा हासिल कर लिया है. इनमें से 12 फीसदी परियोजनाओं में देरी हुई है, और इनमें से 75 फीसदी देरी वाली परियोजनाओं का कारण इसके कमजोर प्रवर्तक रहे हैं।
केयरऐज रेटिंग्स के निदेशक मौलेश देसाई ने कहा कि मजबूत प्रायोजकों को स्वस्थ बैलेंस शीट से लाभ होने की उम्मीद है, जो उन्हें वित्तीय लचीलापन प्रदान करते हैं. वहीं पर्याप्त निर्माणाधीन पोर्टफोलियो और सख्त मंजूरी शर्तों के साथ मध्यम प्रायोजकों को बढ़े हुए वित्तपोषण जोखिमों का सामना करना पड़ रहा है.
एनएचएआई ने नवंबर 2021 में एक इनविट लॉन्च किया था और इससे दिसंबर 2022 तक करीब 102 अरब रुपए जुटाए हैं. मीडिया खबरों के मुताबिक सरकार चालू वित्त वर्ष के खत्म होने से पहले इनविट की एक और किस्त के माध्यम से अतिरक्ति 100 अरब रुपए जुटाने की योजना बना रही है.