सरकार बनाएगी सस्‍ते एसी और फ्रीज, विश्‍व बैंक के साथ शुरू किया काम

परियोजना के तहत क्षमता निर्माण और बेहतर प्रौद्योगिकी से लैस अत्यधिक सक्षम एयर कंडीशनरों को पेश करने पर मुख्य रूप से ध्यान केंद्रित रहेगा

सरकार बनाएगी सस्‍ते एसी और फ्रीज, विश्‍व बैंक के साथ शुरू किया काम

सरकार घरेलू बाजार में अत्यधिक दक्ष एयर कंडीशनर (एसी) समेत ठंडा रखने वाले किफायती उत्पादों के विनिर्माण एवं उपलब्धता को बढ़ावा देने के लिए विश्व बैंक के साथ मिलकर उल्लेखनीय निवेश राशि वाली एक ‘समग्र’ परियोजना लेकर आने की तैयार कर रही है.

उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) में सचिव राजेश कुमार सिंह ने सोमवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि इस प्रस्तावित परियोजना के जरिये किफायती कूलिंग उपकरण क्षेत्र की मांग एवं आपूर्ति दोनों पक्षों पर ध्यान दिया जाएगा. परियोजना के तहत क्षमता निर्माण और बेहतर प्रौद्योगिकी से लैस अत्यधिक सक्षम एयर कंडीशनरों को पेश करने पर मुख्य रूप से ध्यान केंद्रित रहेगा.

दरअसल देश में गर्मियों के दौरान एयर कंडीशनरों की मांग लगातार बढ़ रही है और गर्मियों का प्रकोप बढ़ते जाने से आने वाले समय में इन उपकरणों की मांग और बढ़ने की संभावना है. इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार इनके घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए यह परियोजना लेकर आने वाली है.

सिंह ने यहां एक कार्यशाला में शिरकत करते हुए कहा, ‘हम विश्व बैंक के साथ लाई जाने वाली परियोजना के बारे में बहुत जल्द एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) अपलोड करेंगे. इसमें विश्व बैंक की तरफ से रियायती दर पर कर्ज मुहैया कराया जाएगा और भारत सरकार भी उतनी ही राशि का निवेश करेगी.’ उन्होंने उद्योग जगत से एयर कंडीशनरों के बारे में मांग एवं आपूर्ति पक्ष से जुड़े सभी जरूरी पहलुओं पर फीडबैक देने का अनुरोध किया।

डीपीआईआईटी सचिव ने कहा, ‘हम इस क्षेत्र में न सिर्फ निजी विनिर्माण बल्कि शोध एवं विकास और क्षमता निर्माण के लिए भी बारे में भी ठोस निवेश लाने से संबंधित परियोजना पर काम शुरू करने वाले हैं.’ उन्होंने कहा कि अधिक दक्षता वाले एयर कंडीशनर इस समय बाजार में उपलब्ध फाइव स्टार एयर कंडीशनरों की तुलना में.

सिंह ने कहा कि शुरुआती दौर में इन अत्यधिक सक्षम एयर कंडीशनरों की लागत अधिक रह सकती है लिहाजा इनका बड़े पैमाने पर उत्पादन करने की जरूरत है और इसके लिए कुछ हस्तक्षेप भी करना पड़ सकता है.

उन्होंने कहा कि भारत में सिर्फ पांच प्रतिशत घरों में ही एयर कंडीशनर की पहुंच है और अगर यह 30 प्रतिशत के वैश्विक अनुपात तक पहुंचता है तो कूलिंग उपकरणों की मांग विस्फोटक ढंग से बढ़ जाएगी. कार्यशाला का उद्देश्य संबद्ध पक्षों को एक साथ लाना है. इसमें कूलिंग समाधान प्रदान करने वाली कंपनियां, उद्योग विशेषज्ञ, स्टार्ट-अप, नवोन्मेषी, सरकारी प्रतिनिधि, शिक्षाविद, शोधकर्ता और नागरिक समाज के प्रतिभागी शामिल हैं.

Published - December 18, 2023, 06:46 IST