देश में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बिक्री के लिए सरकार ने जिस फेम योजना को शुरू किया है उसके तहत बिके हर दूसरे इलेक्ट्रिक टू–व्हीलर के उत्पादन में फेम योजना के नियमों का उलंघन हुआ है. इस वजह से सरकार को इस योजना के तहत बिके इलेक्ट्रिक टू–व्हीलर्स के आंकड़ों को आधा करना पड़ा है. पहले सरकार की तरफ से बताया गया था. कि फेम योजना के तहत अबतक देश में 9.89 लाख इलेक्ट्रिक टू–व्हीलर बिके थे, लेकिन अब उस आंकड़े को घटाकर 5.64 लाख कर दिया गया है.
मंत्रालय ने लिया बड़ा फैसला
सरकार का कहना है कि इन कंपनियों ने सरकार की FAME-II प्रोत्साहन योजना द्वारा निर्धारित स्थानीयकरण मानदंडों का उल्लंघन किया है. भारी उद्योग मंत्रालय इस योजना के तहत वाहनों को मिलने वाली प्रोत्साहन पर नजर रखती है. मंत्रालय ने FAME-II टैली में ई–दोपहिया वाहनों की संख्या को लगभग 9.80 लाख से घटाकर 5.64 लाख कर दिया.
किन कंपनियों को झटका?
सरकार के इस कदम से ई–स्कूटर बनाने वाले तीन बड़ी कंपनियों को झटका लगा है. इनमें– हीरो इलेक्ट्रिक, ओकिनावा ऑटोटेक और ग्रीव्स कॉटन एम्पीयर शामिल हैं. इन्हें सरकार की तरफ सब्सिडी चुकाने के लिए नोटिस दिया गया था. दरअसल, सरकारी जांच में इन्हें फेज्ड मैन्युफैक्चरिंग प्रोग्राम (PMP) के नियमों का उल्लंघन करने का दोषी पाया गया, जो FAME-II के तहत सब्सिडी के लिए स्थानीयकरण संबंधी मानदंड निर्धारित करता है. इसके बाद सरकार ने इन कंपनियों के ई–स्कूटर पर मिलने वाली सब्सिडी के दावों को खारिज कर दिया गया.
सरकार ने जारी की अधिसूचना
सरकार की फेम योजना अपने दूसरे चरण में है, जिसके तहत इलेक्ट्रिक टू–व्हीलर बनाने वाली कंपनियों को सब्सिडी दी जाती है. इस बीच भारी उद्योग मंत्रालय ने अधिसूचना जारी कर यह जानकारी दी है कि 1 जून से FAME II योजना के तहत सब्सिडी (FAME-II Subsidy) को 15,000 रुपए प्रति kWh से घटाकर 10,000 kWh कर दिया गया है. इतना ही नहीं, इस योजना के तहत अधिकतम सब्सिडी को एक्स–फैक्ट्री मूल्य निर्धारण के 15 प्रतिशत पर सीमित कर दिया गया है. इससे पहले सरकार इन वाहनों पर 40 फीसद तक सब्सिडी दे रही थी.