सरकार ने चालू खरीफ सत्र में 521.27 लाख टन चावल खरीदने का लक्ष्य रखा है. सरकार ने पिछले साल की खरीफ फसल मौसम से 496 लाख टन चावल खरीदा है. धान खरीफ (ग्रीष्मकालीन बुआई) और रबी (सर्दियों की बुआई) दोनों मौसमों में उगाया जाता है. खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने अक्टूबर-सितंबर तक चलने वाले आगामी खरीफ विपणन सत्र (केएमएस) 2023-24 में खरीफ फसल की खरीद व्यवस्था पर चर्चा करने के लिए 21 अगस्त को राज्य खाद्य सचिवों और भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) की एक बैठक की अध्यक्षता की.
पिछले साल 518 लाख टन खरीद का लक्ष्य था
खाद्य मंत्रालय ने एक सरकारी बयान में कहा है कि खरीफ विपणन सत्र 2023-24 (खरीफ फसल) के दौरान खरीद के लिए 521.27 लाख टन चावल खरीदने का अनुमान रखा गया है, जबकि पिछले साल 518 लाख टन के खरीद का अनुमान रखा गया था. इसके मुकाबले खरीफ विपणन सत्र 2022-23 के दौरान 496 लाख टन चावल की खरीद की गई थी. खरीफ विपणन सत्र 2023-24 के दौरान, पंजाब में चावल की खरीद 122 लाख टन, छत्तीसगढ़ (61 लाख टन), तेलंगाना (50 लाख टन), ओडिशा (44.28 लाख टन), उत्तर प्रदेश (44 लाख टन), हरियाणा (40 लाख टन), मध्य प्रदेश (34 लाख टन), बिहार (30 लाख टन), आंध्र प्रदेश (25 लाख टन), पश्चिम बंगाल (24 लाख टन) और तमिलनाडु (15 लाख टन) होने का अनुमान है.
खरीफ विपणन सत्र 2023-24 के दौरान राज्यों द्वारा खरीद के लिए 33.09 लाख टन मोटे अनाज (श्री अन्न) की मात्रा का अनुमान लगाया गया है, जबकि खरीफ विपणन सत्र 2022-23 (खरीफ और रबी) के दौरान 7.37 लाख टन की वास्तविक खरीद की गई थी. इस खरीफ विपणन सत्र 2023-24 से शुरू होकर तीन साल तक रागी के एमएसपी पर राज्यों द्वारा कोदो, सावा, चेना समेत छह लघु मोटे अनाज खरीदने की भी शुरुआत की गई है.