सरकार ने मोबाइल फोन मैन्युफैक्चरिंग में इस्तेमाल होने वाले कंपोनेंट पर इंपोर्ट ड्यूटी यानी आयात शुल्क घटाने का फैसला लिया है. सरकार ने मंगलवार को इसे 15 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया है. ये निर्णय हैंडसेट का घरेलू उत्पादन बढ़ाने और निर्यात को बढ़ावा देने के मकसद से लिया गया है. हालांकि ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) ने अपनी रिपोर्ट में सरकार से कहा था कि मौजूदा दरों को बनाए रखने से उद्योग की वृद्धि और भारत के बढ़ते स्मार्टफोन बाजार में लॉन्ग टर्म विकास को सही रखने में मदद मिलेगी.
GTRI अपील के विपरीत सरकार ने शुल्क घटाने का निर्णय लिया. थिंक टैंक का कहना है कि भारतीय निर्माताओं को भारत के भीतर बेचे जाने वाले स्मार्टफोन पर शुल्क का भुगतान करना होगा, लेकिन निर्यात को ऐसे शुल्क से छूट दी जानी चाहिए. जिन कंपोनेंट्स पर आयात शुल्क में कटौती की गई है उनमें बैटरी कवर, फ्रंट कवर, मिडिल कवर, मुख्य लेंस, बैक कवर, जीएसएम एंटीना/किसी भी तकनीक का एंटीना, पीयू केस/सीलिंग गैसकेट और पॉलीयुरेथेन फोम के अन्य सामान जैसे सीलिंग गैसकेट/केस शामिल हैं. इसके अलावा पीई, पीपी, ईपीएस, पीसी और अन्य सभी व्यक्तिगत पॉलिमर या पॉलिमर, सिम सॉकेट, स्क्रू, प्लास्टिक की अन्य यांत्रिक वस्तुओं और धातु की अन्य यांत्रिक वस्तुओं के संयोजन/संयोजन से गैसकेट/केस को सील करना आदि शामिल हैं. सरकार का मानना है कि मोबाइल फोन कंपोनेंट्स पर आयात शुल्क में कटौती से हैंडसेट का घरेलू उत्पादन 28 प्रतिशत बढ़कर 82 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो सकता है.
स्मार्टफोन इंडस्ट्री का हुआ विस्तार
जीटीआरआई रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत का स्मार्टफोन उद्योग, 2022 में 7.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 2023 में 13.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया. भारत में बेचे जाने वाले सामान स्थानीय स्तर पर बनाए जाते हैं. यह कुशल नीतिगत हस्तक्षेपों की सफलता को दर्शाता है जिसमें पीएलआई प्रोत्साहन शामिल है. इसमें वार्षिक वृद्धिशील उत्पादन पर 4-6 प्रतिशत नकद प्रोत्साहन दिया जाता है. साथ ही स्मार्टफोन और उसके कंपोनेंट्स के टैरिफ में अंतर बनाए रखने की छूट देता है.
जीटीआरआई ने जताई प्रोत्साहन खत्म होने की चिंता
जीटीआरआई ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का आयात बिल 24.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 30.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया है, जो 25.5 प्रतिशत की वृद्धि से स्थानीय मैन्युफैक्चरिंग में इंपोर्टेड कंपोनेंट के उच्च उपयोग का संकेत देता है. समय के साथ उम्मीद है कि वैल्यू एडिशना बढ़ेगा. हालांकि कंपोनेंट्स पर आयात शुल्क में कटौती से भारत में एक मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित करने के लिए कोई भी प्रोत्साहन समाप्त हो जाएगा. कंपनियां लगभग तैयार इंपोर्टेड किट से एक मोबाइल फोन बनाने लगेगी.
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