स्टांप शुल्क व्यवस्था को सुधारने और इसे नए जमाने के हिसाब से डिजिटल बनाने के लिए सरकार नया कानून ला सकती है. जिसके लिए ‘भारतीय स्टांप विधेयक, 2023’ का मसौदा तैयार किया गया है. इसमें ई-गवर्नेंस पर ध्यान देने और गैरजरूरी नियमों को हटाकर डिजिटल उपकरणों की ई-स्टांपिंग पर फोकस किया जाएगा. इसी सिलसिले में सरकार ने जनता से राय मांगी है. वे मसौदे को लेकर 30 दिनों के अंदर अपना सुझाव दे सकते हैं.
सूत्रों के मुताबिक नया कानून भारत को डिजिटल युग के लिए तैयार करेगा क्योंकि इसमें डिजिटल रूप से ई-स्टांपिंग का प्रावधान होगा. मसौदे में इलेक्ट्रॉनिक स्टांप या ई-स्टांप, इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से स्टांप शुल्क के भुगतान को दर्शाता है. बता दें स्टाम्प शुल्क केंद्र सरकार लगाती है, लेकिन जिन राज्यों में इसे लगाया जाता है, उससे इकट्ठा होने वाली रकम संबंधित राज्यों द्वारा की ओर से इकट्ठी की जाती है. स्टांप शुल्क कानून में बदलाव पीएम मोदी की ओर से लिए गए पांच प्रमुख प्रतिज्ञाओं का एक हिस्सा है, जिसमें उन्होंने विकसित भारत की बात कही थी.
वित्त मंत्रालय ने बुधवार को एक बयान जारी कर कहा कि एक बार नए कानून के पारित होने के बाद, विधेयक भारतीय स्टाम्प अधिनियम, 1899 की जगह लेगा. भारतीय स्टाम्प अधिनियम, 1899 एक राजकोषीय क़ानून है जो लेनदेन रिकॉर्ड करने वाले उपकरणों पर स्टाम्प के रूप में लगाए गए कर से संबंधित कानून बनाता है. आधुनिक स्टांप शुल्क व्यवस्था को सक्षम करने के लिए भारतीय स्टांप अधिनियम में समय-समय पर संशोधन किया गया है, लेकिन इसमें अभी भी कई प्रावधान हैं जो अनावश्यक और निष्क्रिय हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए इसमें बदलाव किया जा रहा है.
Published - January 18, 2024, 03:26 IST
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