छोटे किसानों को राहत देने और चुनावी वोट बैंक को साधने के मकसद से केंद्र सरकार पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों को दी जाने वाली नकद सहायता राशि में इजाफा करने पर विचार कर रही है. इससे किसानों को अब सालाना 6 हजार की जगह 8 हजार रुपए मिलेंगे. इस योजना को अमल में लाने से सरकारी खजाने पर 20,000 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. ये चालू वित्त वर्ष में मार्च 2024 तक कार्यक्रम के लिए प्रस्तावित बजट 60,000 करोड़ रुपए के अतिरिक्त होगा.
सूत्रों के अनुसार, सरकार छोटे किसानों के लिए वार्षिक प्रत्यक्ष नकद हस्तांतरण को बढ़ाए जाने के विकल्पों पर विचार कर रही है. इसे मंजूरी मिलने पर सरकार पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ेगा. हालांकि वित्त मंत्रालय की ओर से इस बारे में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है. बता दें भारत के 1.4 अरब लोगों में से लगभग 65% जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है. ऐसे में ये चुनाव में अहम भूमिका निभा सकते हैं. मोदी सरकार ने दिसंबर 2018 में पीएम किसान सम्मान निधि कार्यक्रम शुरू किया था. इसके बाद से केंद्र सरकार अबतक 11 करोड़ लाभार्थियों को कुल 2.42 लाख करोड़ रुपए दे चुकी है.
सरकार की ओर से चावल निर्यात पर प्रतिबंध लगाए जाने से ग्रामीण आय प्रभावित हुई है. उनका दायरा सीमित हो गया है. ऐसे में किसानों की आय बढ़ाने के मकसद से सरकार उन्हें दी जाने वाली सालाना राशि को बढ़ाने की कोशिश कर रही है. देश में पिछले पांच वर्षों में सबसे कमजोर मॉनसून वर्षा दर्ज की गई है. इस साल भी मानसून अनियमित रहा, जिसके चलते प्रमुख फसलों की पैदावार प्रभावित हुई. इससे भी किसानों को काफी नुकसान हुआ है.