निर्माण क्षेत्र के करोड़ो श्रमिकों को मिलेगा बड़ा फायदा, सरकार बना रही योजना

राष्ट्रीय स्तर पर जारी किया जाएगा कार्ड, पेंशन सहित कई सुविधाएं मिलेंगी

  • Updated Date - June 27, 2023, 01:54 IST
निर्माण क्षेत्र के करोड़ो श्रमिकों को मिलेगा बड़ा फायदा, सरकार बना रही योजना

Good news for construction workers pic: freepik

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देशभर में निर्माण क्षेत्र से जुड़े श्रमिकों के लिए अच्छी खबर है. सरकार असंगठित क्षेत्र से जुड़े इन श्रमिकों को वित्‍तीय सामाजिक सुरक्षा मुहैया कराने के मकसद से राष्ट्रीय स्तर का कार्ड लाने पर विचार कर रही है. इसके साथ ही भवन और अन्य निर्माण श्रमिकों के लिए चलाई जा रही योजना (BOCW) में दिए जाने वाले कवरेज को बढ़ाने की भी प्‍लानिंग है. इसके तहत फंड का इस्‍तेमाल पेंशन स्‍कीम समेत अन्‍य सामाजिक सुरक्षा के विस्‍तार में भी किया जाएगा.

कंसल्टिंग फर्म प्रीमियस पार्टनर्स की रिपोर्ट के अनुसार देश के रियल एस्टेट एंड कंस्ट्रक्शन सेक्टर में 5.7 करोड़ श्रमिक हैं जिनमें 70 लाख महिलाएं शामिल हैं. इस बारे में एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बीओसीडब्ल्यू फंड में उपलब्ध धनराशि का उपयोग लाखों असंगठित श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा के लिए किया जा सकता है. हालांकि, मौजूदा योजना में श्रमिकों और इससे होने वाले फायदे के बीच पोर्टेबिलिटी की सुविधा नहीं है. ऐसे में BOCW योजना को नया कलेवर देने के लिए मंत्रालय 90 दिनों तक काम करनेे के बाद ही स्‍कीम का लाभ दिए जाने को अनिवार्य कर सकता है.

नामांकन समेत अन्‍य प्रक्रियाएं होंगी आसान
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक योजना के तहत नामांकन कराने, पंजीकरण, नवीनीकरण और अन्य प्रक्रियाओं को सरल बनाने की भी कोशिश की जाएगी, जिससे सभी निर्माण श्रमिकों को इसके दायरे में लाया जा सके. भवन और अन्य निर्माण श्रमिक अधिनियम 1996 के तहत, राज्य सरकारों को अपने राज्य कल्याण बोर्डों के माध्यम से निर्माण श्रमिकों की सुरक्षा, स्वास्थ्य और कल्याण के लिए योजनाएं बनाने और लागू करने का निर्देश दिया गया है.

वर्तमान में, विभिन्न राज्यों में बीओसीडब्ल्यू योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए अलग-अलग पात्रता शर्तें हैं, जिससे निर्माण क्षेत्र में प्रवासी श्रमिकों के लिए योजना के तहत नामांकन करना काफी मुश्किल हो गया है.

योजना से जुड़ी जरूरी बातें
बीओसीडब्ल्यू फंड में सरकारी या निजी क्षेत्र की सभी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की निर्माण लागत पर 1% सेस लगता है. यह राज्यों की ओर से लगाया जाता है और इससे होने वाली आमदनी को इकट्ठा करके कल्याण कोष में भेजा जाता है. वर्तमान में, राज्यों के पास योजना के तहत 40,000 करोड़ रुपए से ज्‍यादा रकम जमा है, इस रकम का अभी तक इस्‍तेमाल नहीं किया गया है. राज्य सरकारों ने अब तक BOCW सेस के जरिए 78,000 करोड़ रुपए से अधिक एकत्र किए हैं जिसमें से लगभग 38,000 करोड़ रुपए खर्च किए हैं. नई योजना लागू होने पर निर्माण क्षेत्र से जुड़े श्रमिकों को बड़ी राहत मिल सकती है.

Published - June 27, 2023, 01:54 IST