सामाजिक सुरक्षा को लेकर राजस्थान सरकार लगातार अग्रसर है. अभी हाल ही में राजस्थान में न्यूनतम आय गारंटी विधेयक विधानसभा में पारित हो चुका है. इसके तहत ग्रामीण और शहरी परिवारों को रोजगार की गारंटी मिलेगी. इसके अलावा राजस्थान राज्य में पुरानी पेंशन को बहाल करने वाला देश में पहला राज्य बना था. वहीं अब राज्य सरकार ने गिग वर्कर्स के हितों को ध्यान में रखते हुए एक विधेयक को मंजूरी दे दी है.
देश में गिग वर्कर्स की संख्या 15 मिलियन बता दें कि सरकार के इस कदम से ओला, उबर, जोमैटो और अमेजन जैसे प्लेटफॉर्म के लिए काम करने वाले लोगों (गिग वर्कर्स) को बड़ी राहत मिलेगी. राजस्थान सरकार ने राज्य में इन प्लेटफॉर्म के जरिए होने वाले लेनदेन पर सरचार्ज लगाने के लिए एक विधेयक को मंजूरी दे दी है. राजस्थान विधानसभा में राजस्थान प्लेटफॉर्म बेस्ड गिग वर्कर्स (रजिस्ट्रेशन एंड वेलफेयर) विधेयक, 2023 पारित हो चुका है. राज्य सरकार का इस विधेयक को लाने का मकसद गिग वर्कर्स के हितों का संरक्षण कर उन्हें सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है. बता दें कि मौजूदा समय में देश में गिग वर्कर्स की संख्या तेजी से बढ़कर अनुमानित 15 मिलियन हो गई है.
ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से 2 फीसद वसूला जाएगा सरचार्ज राजस्थान देश का पहला राज्य है जिसने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए आजीविका अर्जित करने वाले गिग वर्कर्स के कल्याण के लिए विधेयक पारित किया है. वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए लेनदेन पर 2 फीसद तक का सरचार्ज लिया जाएगा और एकत्रित फंड को श्रमिकों, उद्योग और सरकारी प्रतिनिधियों के बोर्ड द्वारा संचालित वेलफेयर फंड में जमा किया जाएगा. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि राज्य सरकार के इस कदम से गिग वर्कर्स के हितों की रक्षा होगी. उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था में उनकी बड़ी संख्या में योगदान के बावजूद मौजूदा श्रम कानून के तहत गिग वर्कर्स को कवर नहीं किया गया है.
वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि इस बिल के पास होने से राज्य के करीब 4 लाख से ज्यादा गिग वर्कर्स को फायदा होने की संभावना है. इसके अलावा एग्रीगेटर प्लेटफॉर्म के खिलाफ शिकायतों को दूर करने के लिए कुछ न्यायिक शक्तियों के साथ एक ट्रिब्यूनल स्थापित करने का भी प्रावधान किया गया है. गौरतलब है कि राजनीतिक दलों के लिए आगामी चुनावों को देखते हुए यह काफी अहम संख्या है, क्योंकि ये एक बड़े वोट बैंक के रूप में उभरे हैं. बता दें कि अगले कुछ महीनों में पांच राज्यों में और अगले साल की शुरुआत में आम चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में राजस्थान सरकार की ओर से उठाया गया कदम काफी महत्वपूर्ण है.
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