जुलाई के दौरान रिटेल महंगाई दर को लेकर जितने भी अनुमान बाजार में तैर रहे थे, वे सारे अनुमान फेल हो गए हैं. जुलाई के दौरान रिटेल महंगाई दर 7.44 फीसद दर्ज की गई है जो 15 महीने का ऊपरी स्तर है. महंगाई में यह बढ़ोतरी सब्जियों की वजह से हुई है, खासकर टमाटर की बढ़ी हुई कीमतों ने महंगाई को 15 महीने के ऊपरी स्तर तक पहुंचाने में सीढ़ी का काम किया है. जुलाई के दौरान सब्जियों की महंगाई 37.34 फीसद दर्ज की गई है. जुलाई में शहरों के मुकाबले गावों में ज्यादा महंगाई देखने को मिली है, शहरों में रिटेल महंगाई 7.2 फीसद दर्ज की गई है जबकि गावों में यह दर 7.63 फीसद रही है.
सब्जियों के अलवा महंगाई को ज्यादा बढ़ाने में मसाले, दाल, दूध और अनाज का योगदान रहा है, यानी पूरी रसोई महंगी हो चुकी है. मसालों की महंगाई दर 21.63 फीसद दर्ज की गई है, इसके बाद दालों की महंगाई 13.27 फीसद, अनाज की 13.04 फीसद और दूध की महंगाई दर 8.34 फीसद दर्ज की गई है. जुलाई के दौरान भारी बरसात की वजह से रसोई के सामान की सप्लाई प्रभावित हुई है जिस वजह से महंगाई में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. इसके अलावा दालों तथा मसालों के कम उत्पादन की वजह से इनके दाम बढ़े हैं.
राज्यों की बात करें तो 12 राज्य ऐसे हैं जहां महंगाई की दर राष्ट्रीय औसत 7.44 फीसद से कहीं ज्यादा है, कुछ राज्य तो ऐसे हैं जहां पर यह दर 10 फीसद के करीब पहुंच चुकी है. जुलाई के दौरान राजस्थान में महंगाई दर 9.66 और झारखंड में 9.16 फीसद दर्ज की गई है. इनके अलावा तमिलनाडु में 8.95 फीसद, ओडिशा में 8.67 फीसद, उत्तराखंड में 8.58 फीसद, तेलंगाना में 8.55 फीसद, हरियाणा में 8.38 फीसद, उत्तर प्रदेश में 8.13 फीसद और आंध्र प्रदेश में 8.11 फीसद महंगाई दर रिकॉर्ड की गई है.
महंगाई में हुई इस बढ़ोतरी के लिए सब्जियों को सबसे बड़ी वजह माना जा रहा है, यह भी संभावना है कि अगस्त के दौरान सब्जियों की महंगाई में कमी आ सकती है, क्योंकि सप्लाई बढ़ने का अनुमान है. हालांकि अनाज, दालें और मसालों की महंगाई से तुरंत राहत की उम्मीद नहीं है. उल्टे दालें और मसालों की महंगाई और बढ़ने की आशंका है.