स्टार्टअप और फिनटेक कंपनियों की चिंताओं को दूर करने और उनके सवालों के जवाब देने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने RBI को उनके साथ हर महीने बैठक करने के निर्देश दिए हैं. वित्त मंत्री ने ये बात सोमवार वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के साथ स्टार्टअप और फिनटेक हितधारकों से की गई मुलाकात के दौरान कही. सीतारमण ने एक तय तारीख पर यह बैठक ऑनलाइन किए जाने का सुझाव दिया.
वित्त मंत्रालय ने बैठक के बाद छह अहम बातें रखी, इनमें सभी फिनटेक खंडों में केवाईसी (अपने ग्राहक को जानें) का सरलीकरण किए जाने और डिजिटलीकरण और फिनटेक फर्मों को अपने मुद्दों या चिंताओं को व्यक्त करने की अनुमति दिए जाने आदि की बात की गई. इसके लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ बातचीत भी शामिल है. वित्त मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में यह भी कहा गया है कि नए डिजिटल इंडिया अधिनियम में साइबर अपराध के मुद्दों पर ध्यान दिया जाएगा. आरबीआई, डीपीआईआईटी (उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग) और एमओएफ (वित्त मंत्रालय) सूचीबद्ध फिनटेक कंपनियों के स्वामित्व होल्डिंग/नियंत्रण में बदलाव पर विचार कर रहे हैं, जिससे उन्हें नियामक अनुपालन के साथ तालमेल बिठाने में सक्षम बनाया जा सके.
पेटीएम पर कार्रवाई के बाद हुई बैठक
यह बैठक ऐसे समय हुई है, जब रिजर्व बैंक ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक के खिलाफ कार्रवाई की है. आरबीआई ने पीपीबीएल को 29 फरवरी के बाद किसी भी ग्राहक खाते, प्रीपेड उपकरण, वॉलेट, फास्टैग और नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड में जमा, क्रेडिट लेनदेन या टॉप-अप स्वीकार करना बंद करने के निर्देश दिए थे. इससे फिनटेक उद्योग में नियमों के अनुपालन का मुद्दा सामने आया है. इसके अलावा स्टार्टअप ने साइबर सुरक्षा संबंधी चिंताएं जतायी. कुछ स्टार्टअप कंपनियों ने सुझाव दिया कि सरकार को इस तरह की धोखाधड़ी से निपटने के लिए सक्रियता से कदम उठाने चाहिए. बात दें इस बैठक में रेजरपे, क्रेड और उद्यम पूंजी कंपनी पीकएक्सवी सहित लगभग 50 कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों ने भाग लिया. इसमें वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में सचिव एस कृष्णन के अलावा भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर टी रबी शंकर भी शामिल हुए.
देश में बढ़ी स्टार्टअप की संख्या
सीतारमण ने कहा कि भारत का फिनटेक इकोसिस्टम दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा है. केंद्रीय बैंक ने हाल ही में हितधारक परामर्श के लिए इस क्षेत्र के लिए स्व-नियामक संगठन की मान्यता के लिए एक मसौदा जारी किया है. डेटा के अनुसार डीपीआईआईटी की ओर से मान्यता प्राप्त स्टार्टअप की संख्या भारत में 2016 में 300 से बढ़कर 2023 में 1.17 लाख से अधिक हो गई है, जिससे 12.4 लाख से अधिक नौकरियां पैदा हुई हैं. खास बात यह है कि 47% स्टार्टअप में कम से कम एक महिला निदेशक है.
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