Fake Companies: फर्जी कंपनियों को लेकर केंद्र सरकार सख्त हो गई है. कई शेल कंपनियां (shell companies) फर्जी तरीके से रजिस्टर्ड होकर जीएसटी चोरी और काले धन के हेर-फेर में लोगों की मदद करती है. अब इन कंपनियों का धंधा बंद हो सकता है. कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने देश के अंदर फर्जी कंपनियों पर शिकंजा कसने की पूरी तैयारी कर ली है.
मंत्रालय ने इन फर्जी कंपनियों की लिस्ट तैयार कर ली है. अब इन कंपनियों को नोटिस भेजा जाएगा. फिर इनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. ये कंपनियां देश भर में अलग-अलग नाम से रजिस्टर्ड हैं. ये कंपनियां कोई काम नहीं करती हैं. सिर्फ कागजों में कारोबार करती हैं. ये बिजनेसमैन और फर्मों आदि से मिलकर कालेधन को इधर-उधर करने में उनकी मदद करते हैं. गौरतलब है कि इससे पहले सरकार जीएसटी चोरी को रोकने के लिए दो महीने का अभियान चला रही है.
कंपनियों का होगा फिजिकल वेरिफिकेशन
कॉर्पोरेट जगत की खबरों पर नजर रखने वाले एक एक्सपर्ट ने बताया कि रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (आरओसी) सरकार की तरफ से तैयार की गई लिस्ट में शामिल सभी कंपनियों का फिजिकल वेरिफिकेशन करेगी. इस वेरिफिकेशन से यह पता लग जाएगा कि ऐसी कितनी कंपनियां हैं जो सिर्फ कागजों में चल रही हैं और टैक्स चोरी करके सरकारी राजस्व को नुकसान पहुंचा रही हैं.
सरकार चलाएगी अभियान
इन फर्जी कंपनियों पर अंकुश लगाने के लिए कंपनी कानून की धारा-12 के तहत सरकार जांच अभियान को तेज करेगी. ऐसी भी कई कंपनियां है जो फर्जी नहीं है लेकिन वह नियमों का पालन नहीं कर रही हैं. सरकार के इस अभियान के बाद ये कंपनियां अपना जरूरी ब्योरा सरकार के साथ साझा करेंगी.
क्या कहती है कंपनी कानून की धारा-12?
कंपनी कानून की धारा-12 के तहत किसी भी कंपनी को शुरू करने के लिए कुछ जरूरी नियम बनाए हैं जिन्हें पूरा करना अनिवार्य है. इसके तहत किसी कंपनी के पास उसके गठन के 30 दिन के अंदर एक रजिस्टर्ड ऑफिस होना चाहिए. इसी पते पर सभी सूचनाओं का आदान-प्रदान होना चाहिए. इससे पहले कॉरपोरेट मामलों के राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने फर्जी कंपनियों के बारे में जानकारी देते हुए कहा था कि सरकारी रिकॉर्ड से 1,27,952 फर्जी कंपनियों को बाहर किया गया है.