अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में बढ़ोतरी के बावजूद तेल कंपनियों ने भले ही पेट्रोल-डीजल महंगा नहीं किया हो, लेकिन हवाई ईंधन यानी ATF के दाम बढ़ा दिए हैं, जिस वजह से इस बार त्योहारी सीजन पर हवाई किराया महंगा होने की आशंका जताई जा रही है. एविएशन कंपनियों के लिए उड़ानों के संचालन में जितना खर्च आता है उसमें 40 फीसद हिस्सेदारी ATF की होती है, ऐसे में महंगा ATF हवाई उड़ान का संचालन महंगा कर देता है.
हाल ही में तेल कंपनियों ने ATF की कीमतों में जो बढ़ोतरी की है, उसके बाद ATF के दाम 10 महीने के ऊपरी स्तर पर पहुंच गए हैं. हाल में ATF की कीमतों में हुई 5 फीसद बढ़ोतरी के बाद जून से लेकर अबतक ATF के दाम 32 फीसद तक बढ़ गए हैं. दिल्ली में ATF का दाम 1.18 लाख रुपए प्रति हजार लीटर हो गया है जबकि मुंबई में दाम 1.10 लाख रुपए, कोलकाता में 1.26 लाख रुपए और चेन्नई में 1.22 लाख रुपए प्रति लीटर है.
इस साल अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में जोरदार उछाल देखने को मिला है, सितंबर तिमाही में ही दाम करीब 28 फीसद बढ़ा है. जून अंत में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का भाव 75 डॉलर प्रति बैरल के नीचे था जो सितंबर अंत में 95 डॉलर प्रति बैरल के ऊपर पहुंच गया. महंगे क्रूड के साथ घरेलू बाजार में रुपए में भी भारी गिरावट है. जिस वजह से तेल कंपनियों की तेल आयात पर लागत बढ़ गई है और उन्हें हवाई ईंधन के दाम बढ़ाने पड़े हैं.
महंगे हवाई ईंधन की वजह से एविएशन कंपनियों पर भी बोझ बढ़ा है और हवाई किराया बढ़ाकर वे इस बोझ को ग्राहकों पर डाल सकती हैं. कोरोना के बाद से देश में हवाई उड़ानों की मांग बढ़ी है लेकिन दूसरी तरफ गो फर्स्ट तथा जेट एयरवेज की अनुपस्थिति में हवाई सीटों की सप्लाई सीमित है. ऐसे में जो हवाई कंपनियां अभी उड़ानों का संचालन कर रही हैं वे किराए में तेज बढ़ोतरी कर सकती हैं.