दिल्ली में सीएनजी टैक्सियों के दिन अब शायद लदने वाले वाले हैं. दिल्ली सरकार 2030 तक देश की राजधानी की टैक्सी सेवाओं में 100 प्रतिशत इलेक्ट्रिक कारों के इस्तेमाल की तैयारी कर रही है. दिल्ली सरकार ने ईवी ट्रांजिशन पॉलिसी पेश कर दी है. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल नई ईवी पॉलिसी को मंजूरी दे दी है. यदि इस पॉलिसी पर दिल्ली के उप राज्यपाल की मुहर लग जाती है. तो 2030 तक दिल्ली की सड़कों पर बड़े बदलाव देखे जा सकते हैं.
जान लेते हैं कि दिल्ली सरकार की यह ईवी पॉलिसी 2.0 क्या है. दिल्ली में इस पॉलिसी के लागू होने के बाद क्या क्या बदल जाएगा और क्यों इस खबर से दिल्ली में सीएनजी की सप्लाई करने वाली इंद्रप्रस्थ गैस के शेयर लुढ़क रहे हैं.
आइए सबसे पहले समझ लेते हैं कि दिल्ली सरकार की ये ईवी ट्रांजिशन पॉलिसी क्या है. सरकार ने ओला उबर जैसे कैब एग्रीगेटर्स के लिए ईवी ट्रांजिशन पॉलिसी का प्रस्ताव दिया है. सरकार की इस पॉलिसी में ई-कॉमर्स कंपनियों की डिलीवरी में उपयोग आने वाले वाहन भी शामिल हैं. इस पॉलिसी के लिए दिल्ली सरकार ने टाइम फ्रेम भी तय किया है. दिल्ली में टैक्सी सेवा देने वाली कंपनियों को अगले 6 महीने में अपने बेड़े में 5 प्रतिशत इलेक्ट्रिक वाहन शामिल करने होंगे. वहीं अगले तीन साल में इन कंपनियों के 50 प्रतिशत वाहन इलेक्ट्रिक होंगे. 2030 तक दिल्ली में चलते वाली सभी टैक्सियां इलेक्ट्रिक होंगी.
यह नियम ओला या उबर जैसे कैब एग्रीगेटर्स पर ही नहीं बल्कि डिलीवरी सर्विस देने वाली कंपनियों और ई-कॉमर्स कंपनियों पर भी लागू होगा. दिल्ली सरकार ने एक बड़ी राहत बाइक टैक्सी को लेकर भी दी है. अब दिल्ली में बाइक टैक्सियां दौड़ सकती हैं. लेकिन यहां सिर्फ इलेक्ट्रिक बाइक एवं स्कूटरों को ही टैक्सी में चलाने की अनुमति होगी.
दिल्ली एनसीआर में सीएनजी की सप्लाई करने वाली सरकारी कंपनी इंद्रप्रस्थ गैस के शेयर लगातार दो दिनों से पिट रहे हैं. जैफरी इंडिया ने IGL के शेयर की रेटिंग को ‘बाय’ से घटाकर ‘होल्ड’ कर दिया है. साथ ही टारगेट प्राइस को भी कम कर दिया है. बता दें कि IGL के वॉल्यूम में 88 प्रतिशत का योगदान एनसीआर का है. आईजीएल की 75 प्रतिशत कमाई सीएनजी से ही होती है. आईजीएल के प्रमुख ग्राहकों की बात करें तो कुल बिक्री में 30 फीसदी की हिस्सेदारी टैक्सियों से और 15 प्रतिशत डीटीसी बसों एवं तिपहिया वाहनों से होती है.