ईपीएफओ ने अपने करोड़ों मेंबर्स की सुविधा के लिए ऑटो क्लेम सेटलमेंट सुविधा का दायरा बढ़ा दिया है. मकान, शादी या पढ़ाई के लिए किए जाने वाले ऑटो क्लेम एडवांस सेटलमेंट को अब ऑटो मोड में निपटाने का फैसला किया है. यह जानकारी श्रम मंत्रालय ने सोमवार को दी.
मंत्रालय के अनुसार इन ऑटो क्लेम का निपटारा ऑटोमैटिक तरीके से किया जाएगा. केवाईसी, पात्रता और बैंक वैलिडेशन के जरिए किया जाने वाले क्लेम आईटी टूल्स के जरिए ऑटोमैटिक तरीके से पूरा किया जाएगा. ऑटो क्लेम की सुविधा को ईपीएफ स्कीम 1952 के तहत पैरा 68K ( एजुकेशन और मैरिज के लिए) और 68B (हाउसिंग) के लिए भी बढ़ाया गया है. इसके अलावा बीमारी के इलाज के लिए क्लेम लिमिट की सीमा 50,000 रुपये से बढ़ाकर 1,00,000 रुपये कर दी गई है.
आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान, ईपीएफओ ने लगभग 4.5 करोड़ क्लेम का निपटारा किया. इनमें से 60 प्रतिशत यानी लगभग 2.84 करोड़ से अधिक क्लेम एडवांस थे. शिक्षा, शादी, हाउसिंग के लिए ऑटो एडवांस की सुविधा के तहत वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान जितने एडवांस क्लेम सेटल किए गए उसमें 89.52 लाख ऐसे क्लेम थे, जिसे ऑटो-मोड के तहत सेटल किया गया. बता दें बीमारी के इलाज के लिए एडवांस लेने के क्लेम सेटलमेंट के लिए ऑटो मोड सुविधा को अप्रैल 2020 में शुरू किया गया था.
ईपीएफ की पूरी रकम तो दो ही स्थितियों में निकाली जा सकती है. पहला, कर्मचारी की नौकरी छूट जाए और वो 2 महीने तक लगातार बेरोजगार रहे. दूसरा, रिटायरमेंट के बाद. बीच में पैसे निकालने के लिए आपको कुछ शर्तों का पालन करना होता है.
अगर आपकी बहन, बेटी, बेटा या किसी खास परिवारीजन की शादी है या फिर आप अपनी या बच्चों की शिक्षा के लिए ईपीएफ से आंशिक निकासी करना चाहते हैं तो दोनों ही स्थितियों में आपकी 7 वर्ष की नौकरी होना जरूरी है.. 7 वर्ष की नौकरी के बाद आप अपने अंशदान की 50 फीसदी तक रकम निकाल सकते हैं.
इसके अलावा यदि कर्मचारी 5 सालों तक निरंतर सेवा में है तो वो घर के निर्माण या खरीद के लिए राशि निकाल सकता है. लेकिन ये रकम एक निश्चित सीमा तक ही निकाली जा सकती है. घर के लिए जमीन खरीदने के लिए आप अपने मासिक वेतन के 24 गुना तक और घर खरीदने या बनवाने के लिए अपने मासिक वेतन का 36 गुना तक की रकम निकासी कर सकते हैं.
होम लोन के भुगतान के लिए भी पैसा निकाल सकते हैं. इसके लिए कर्मचारी को 3 साल तक नौकरी में बने रहना होगा. इस सुविधा के तहत 90 फीसदी राशि निकाली जा सकती है.
आप मेडिकल उपचार के लिए भी पीएफ का पैसा निकाल सकते हैं. गंभीर बीमारी के इलाज…के लिए कर्मचारी के योगदान के बराबर या मासिक वेतन के 6 गुना तक जो भी राशि कम हो उतनी राशि निकाली जा सकती है. काम के दौरान किसी हादसे में स्थायी रूप से विकलांग होने पर या फिर कंपनी के बंद हो जाने पर पैसा निकाल सकते हैं.
अगर कोई एडवांस के लिए क्लेम सेटलमेंट आईटी सिस्टम से नहीं होता है तो वह रिटर्न या रिजेक्ट नहीं किया जाएगा, बल्कि इस क्लेम को दूसरे लेवल पर स्क्रूटनी और अप्रूवल के जरिए सेटल किया जाएगा. ईपीएफओ की ओर से ऑटो क्लेम की इस सुविधा के विस्तार से हाउसिंग, मैरिज या एजुकेशन के लिए छोटी अवधि में ईपीएफओ मेंबर्स को फंड उपलब्ध कराया जा सकेगा. एडवांस के लिए अब क्लेम सेटलमेंट महज 3 से 4 दिन में पूरा हो जाएगा. पहले इसमें करीब 10 दिनों का वक्त लगता था.