डिजिटल रुपए की लॉन्चिंग को लगभग छह महीने बीत गए लेकिन लोग इसे अपना नहीं पा रहे हैं. कारण है कि ये अभी सीमित दायरे में ही इस्तेमाल के लिए उपलब्ध है. वहीं इसकी भुगतान प्रणाली आसान नहीं है और यूपीआई (UPI ) जैसी आसान भुगतान प्रणाली के बीच लोग इसके इस्तेमाल से बच रहे हैं. ऐसे में अब आरबीआई (RBI) ने इसे यूपीआई से जोड़ने की कवायद तेज कर दी है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कुछ हफ्तों में रिजर्व बैंक डिजिटल करेंसी रिटेल या ई-रि रिटेल और यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) इंटरऑपरेबल होने की संभावना है. इससे व्यापारी यूपीआई के लिए बनाए गए क्यूआर कोड के ज़रिए भी डिजिटल रुपए में भुगतान ले सकते हैं. इससे आम आदमी को डिजिटल रुपए के लिए अलग-अलग क्यूआर कोड डाउनलोड करने की ज़रूरत से छुटकारा मिल जाएगा.
खास बात यह है कि इंटरऑपरेबिलिटी केवल फ्रंट एंड पर होगी यानी वह प्वाइंट जिस पर भुगतान प्राप्त होगा. बैक एंड पर यूपीआई की तरह ही डिजिटल रुपए की भी अपनी प्रक्रिया होगी. दोनों सिस्टम की अपनी अलग-अलग इकाइयां और कामकाज के तरीके होंगे. केवल भुगतान ही यूपीआई गेटवे के माध्यम से किया जाएगा. इसमें यूपीआई यूजर के बैंक खाते से जुड़ा होगा जबकि डिजिटल रुपया बैंक वॉलेट के सिस्टम पर काम करेगा. इसका मतलब ये है यूपीआई से किया गया भुगतान प्राप्तकर्ता के यूपीआई से जुड़े बैंक खाते में जमा किया जाएगा और डिजिटल रुपए के माध्यम से किया गया भुगतान प्राप्तकर्ता के वॉलेट में जमा किया जाएगा.
बढ़ेगा डिजिटल रुपए का चलन
भारतीय रिजर्व बैंक और नेशनल पेमेंट कार्पोरेशन (NPCI) दोनों डिजिटल रुपए को लोकप्रिय बनाने के लिए नई प्रणाली को धरातल पर उतारने के लिए साथ मिलकर काम कर रहे हैं. अभी संगठित और असंगठित दोनों क्षेत्रों के लाखों उपभोक्ता और व्यापारी पहले ही यूपीआई से भुगतान ले रहे हैं. आलम ये है कि यूपीआई से ज़रिए होने वाले भुगतान ने डेबिट कार्ड से होने वाले भुगतान को बहुत पीछे छोड़ दिया है. अब जब एक बार यह सुविधा शुरू हो जाएगी तो यह डिजिटल रुपए के लिए बहुत प्रभावी होगी और डिजिटल रुपए से होने वाला लेनदेन बढ़ेगा. बता दें 31 मार्च 2023 तक केवल 16.39 करोड़ मूल्य के डिजिटल रुपए चलन में थे जबकि इसकी तुलना में 33.48 लाख करोड़ रुपए के बैंक नोट चलन में थे.
कब हुई डिजिटल रुपए की शुरुआत
डिजिटल रुपए की पहली बार 2017 में एक अंतर-मंत्रालयी समिति ने प्रस्तावित दिया था. इसके बाद 1 नवंबर 2022 से भारतीय रिज़र्व बैंक ने खुदरा और थोक दोनों क्षेत्रों में डिजिटल रुपए के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च किया था. सीबीडीसी-रिटेल के लिए पायलट का पहला चरण दिसंबर, 2022 को घोषित किया गया था. इसके तहत मुंबई, नई दिल्ली, बेंगलुरु और भुवनेश्वर में एक सीमित लोगों के दायरे में सुविधा शुरू हुई थी. बाद में इसे अहमदाबाद, गंगटोक, गुवाहाटी, हैदराबाद, इंदौर, कोच्चि, लखनऊ, पटना और शिमला तक बढ़ाया जाना है. रिटेल ई-रुपी 50 पैसे, 1, 2, 5, 10, 20, 50, 100, 200, 500 और 2000 के मूल्य वर्ग में लॉन्च किया गया है. इसे अभी स्टेट बैंक, ICICI बैंक, यस बैंक और IDFC ये 4 बैंक जारी कर सकते हैं.