अदानी ग्रुप की कंपनी अदानी पोर्ट्स ने नए ऑडिटर की नियुक्ति की है. कंपनी ने अडानी पोर्ट एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन का नया ऑडिटर MSKA & Associates को बनाया है. हाल ही में डेलॉयट ने कंपनी के ऑडिटर पद से इस्तीफा दे दिया था.
मई 2017 से डेलॉयट, अदानी पोर्ट के साथ ऑडिटर के रूप में जुड़ी हुई थी. जुलाई 2022 में डेलॉयट के कार्यकाल कॉन्ट्रैक्ट को 5 सालों के लिए बढ़ा दिया गया था. डेलॉयट के इस्तीफा देने के बाद अदानी ग्रुप की ओर से कहा गया कि डेलॉयट ने कंपनी छोड़ने के जो कारण बताए हैं वो कनविंसिंग नहीं हैं.
रिपोर्ट्स के मुताबिक हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद उठी चिंताओं के कारण डेलॉयट ने अदानी से अलग होने का फैसला लिया.
MSKA & Associates बीडीओ इंटरनेशनल की एक स्वतंत्र सदस्य फर्म है जो टॉप 6 ग्लोबल ऑडिट फर्म्स में से एक है. ये भारत में अकाउंटिंग सर्विसेस की पेशकश करती है. APSEZ के ऑडिट समिति अध्यक्ष जीके पिल्लई ने कहा कि वो MSKA & Associates को ऑडिटर के रूप में नियुक्त करते हुए खुश हैं.
इससे पहले डेलॉयट और APSEZ के बीच हुई बैठक में आपसी सहमति से अलग होने का फैसला किया गया. अपने इस्तीफे में डेलॉयट ने कहा कि वित्त वर्ष 2023 में सभी जानकारी अदानी की ओर से ऑडिटर को उपलब्ध कराई गई है. वहीं अडानी पोर्ट एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन की ओर से एक बयान में कहा गया कि ऑडिट कामकाज छोड़ने के लिए डेलॉयट ने जो कारण बताए हैं वो ठोस या पर्याप्त नहीं हैं.
दरअसल हिंडनबर्ग ने जनवरी 2024 में एक रिपोर्ट में अदानी ग्रुप पर कई तरह के गंभीर आरोप लगाए थे. हालांकि अदानी ग्रुप ने इन सभी आरोपों को बेबुनियाद करार दिया था. डेलॉयट का कहना था कि अदानी समूह ने इन तमाम आरोपों की जांच किसी स्वतंत्र बाहरी एजेंसी से कराना जरूरी नहीं समझा. हालांकि इस मामले में सेबी की जांच अभी जारी है. ऐसा माना जा रहा है कि कुछ ट्रांजेक्शन्स को लेकर डेटॉयट का अदानी समूह के साथ एकमत नहीं हैं और डेलॉयट ने तीन लेन-देन को लेकर सवाल उठाए थे.