दिल्ली में अब थ्री व्हीलर के ड्राइविंग टेस्ट पर कार का लाइसेंस नहीं मिलेगा. दिल्ली के परिवहन विभाग ने मोटर लाइसेंस जारी करने वाली सभी अथॉरिटीज को निर्देश दिया है कि जो भी लोग थ्री व्हीलर पर ड्राइविंग टेस्ट दें, उन्हें लाइट मोटर व्हीकल (LMV) लाइसेंस जारी नहीं किया जाए. परिवहन विभाग ने यह आदेश तब जारी किया है जब अधिकतर मोटर लाइसेंस अथॉरिटीज पर कार के लिए लाइसेंस के लिए लोग थ्री व्हीलर लेकर ट्रायल के लिए पहुंच रहे थे.
चूंकि ऑटो और कार दोनों की ड्राइविंग से जुड़े नियम अलग हैं और सुरक्षा के लिहाज से भी ये चिंताजनक है. ऐसे में परिवहन विभाग ने दिल्ली के सभी मोटर लाइसेंसिंग प्राधिकरण और जोन को कारों के लिए बने ट्रैक पर ऑटो-रिक्शा ड्राइविंग नहीं करने का निर्देश दिया है.
परिवहन विभाग ने कहा है कि ऑटो रिक्शा पर कार का लाइसेंस राष्ट्रीय राजधानी में सड़क यातायात के लिए एक बड़ा खतरा पैदा कर रहा है. क्योंकि ऑटोरिक्शा छोटे होते हैं, इनमें ज्यादा खिड़कियां नहीं होती हैं, इन्हें मोड़ने के लिए ज्यादा रेडिएस की जरूरत नहीं पड़ती. जबकि कार को चलाने के लिए ज्यादा सावधानी बरतनी पड़ती है. ऐसे में अगर कार के लिए बने स्वचालित ट्रैक पर ऑटो का टेस्ट लिया जाए तो ये परीक्षण में आसानी से पास हो जाएगा. इससे सही चालकों का लाइसेंस नहीं बन पाएगा.
अधिकारियों का कहना है कि विभाग ने सबसे पहले कुछ महीने पहले इस सिलसिले में एक इंटरनल ज्ञापन जारी किया था. हालांकि इसके बावजूद लाडो सराय, बुराड़ी और झारोदा कलां जैसे कुछ क्षेत्र में अभी भी ऐसे लाइसेंस दिए जा रहे हैं, जिससे नियमों का उल्लंघन हो रहा है. विभाग का यह भी कहना है कि मोटर कारों और वैन का परीक्षण करने के लिए डिजाइन किए गए स्वचालित ड्राइविंग परीक्षण ट्रैक तिपहिया वाहनों के लिए बनाए गए ट्रैक से बिल्कुल अलग हैं. तिपहिया वाहन का क्लच, ब्रेक और एक्सीलेटर बाइक के समान हैं, न कि कार/वैन के समान. इसके अलावा एक कार का व्हीलबेस भी तिपहिया वाहन की तुलना में लगभग 1.5 से 2.0 गुना ज्यादा लंबा होता है. ऐसे में अगर कोई वाहन चालक ऑटो चलाकर कार का लाइसेंस लेता है तो ये नियमों के खिलाफ है.
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