वित्त मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को सरकारी अनुबंधों से संबंधित लंबित विवादों के निपटान के लिये दावा प्रस्तुत करने की समयसीमा दो महीने बढ़ाकर 31 दिसंबर कर दी. सरकारी अनुबंधों से जुड़े विवादों के निपटान के लिये विवाद से विश्वास-दो योजना 15 जुलाई को शुरू की गई थी. इसके तहत अनुबंध हासिल करने वालों के लिये दावा प्रस्तुत करने की अंतिम तारीख 31 अक्टूबर थी.
व्यय विभाग ने एक कार्यालय ज्ञापन में कहा कि विवाद से विश्वास-दो योजना के तहत दावा जमा करने की अवधि दो महीने बढ़ाने का निर्णय किया गया है. अब 31 दिसंबर, 2023 तक दावा प्रस्तुत किया जा सकता है. यह योजना उन सभी घरेलू अनुबंध से जुड़े विवादों पर लागू होती है जहां एक पक्ष या तो भारत सरकार अथवा सरकारी उपक्रम है. योजना के तहत, 30 अप्रैल, 2023 को या उससे पहले पारित किये गये अदालती आदेशों के अंतर्गत अनुबंधकर्ता को दी जाने वाली निपटान राशि अदालत की तरफ से बरकरार रखी गई शुद्ध राशि का 85 प्रतिशत तक होगी.
मध्यस्थता निर्णय के मामले में 31 जनवरी, 2023 को या उससे पहले पारित प्रस्तावित निपटान राशि बरकरार रखी गयी शुद्ध राशि का 65 प्रतिशत तक है. सरकारी ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) ने इस योजना के क्रियान्वयन के लिये अलग से वेब पेज तैयार किया है. पात्र दावों को केवल जीईएम के माध्यम से प्रस्तुत करना होगा. रेल मंत्रालय के गैर-जीईएम अनुबंधों के लिए अनुबंधकर्ता को रेलवे की ई-खरीद प्रणाली पोर्टल आईआरईपीएस पर अपना दावा प्रस्तुत करना होगा.