अजय को व्हाट्सऐप पर वर्क फ्रॉम होम (WHF) जॉब का ऑफर मिला है. इस बारे में अपने दोस्त दिनश को बताते हुए बहुत खुश है. काम ये है कि उन्हें घर बैठे वीडियो लाइक करने के पैसे मिलेंगे. अजय की देखादेखी दिनेश भी ऐसी ही नौकरी के प्रयास में है. दिनेश और अजय आज खुश हैं लेकिन कल रोएंगे. क्योंकि इन्हें जो मजे वाली नौकरी मिल रही है वह है वर्क फ्रॉम होम फ्रॉड का जाल. किसको अच्छा नहीं लगता बिना घर से निकले केवल वीडियो लाइक करने के लिए पैसे कमाना. अगर कमाई करना इतना ही आसान होता तो शायद कोई देश बेरोजगारी की समस्या से नहीं जूझता. दिल्ली पुलिस के मुताबिक इस साल केवल जनवरी महीने में 30,000 से ज्यादा लोग वर्क फ्रॉम होम फ्रॉड के शिकार हुए और उनके साथ कुल 200 करोड़ रुपए की ठगी हुई. इसी तरह ओडिशा में पुलिस ने एक फर्जी जॉब रैकेट का भंडाफोड़ किया जिसने कम से कम पांच राज्यों के 50,000 लोगों को नौकरी के नाम पर ठगा.
बहुत शातिर हैं साइबर ठग इस ठगी की पहली चाल है भरोसा जीतना. इसलिए शुरू में ही इसमें छोटी रकम का ट्रांसफर कर दी जाती है. पैसे मिलते ही लोगों का भरोसा बढ़ता है. फिर कहा जाता है कि प्रीमियम मेंबरशिप ले लीजिए. इससे हर महीने या डेली कमाई होगी. इस मेंबरशिप के लिए आपको 5 -10हजार रुपए देने होंगे. पैसे ले लिए लेकिन जब पेमेंट की बारी आती है तो सिस्टम अटकने की कहानी सुना दी जाएगी. कहेंगे थोड़ा इंतजार कीजिए जल्दी आपको बड़ी रकम मिलेगी. ये बात खिंचती चली जाती है और फिर एक दिन नंबर बंद हो जाता है या आपको ब्लॉक कर दिया जाएगा. इसके बाद बातचीत बंद. इसके साथ ही आपके पैसे डूब जाते हैं.
कैसे बनाते हैं शिकार? इस स्कैम में लोगों से सीधे व्हाटसऐप के जरिए या फिर किसी सोशल मीडिया साइट पर संपर्क किया जा रहा है. फिर टेलीग्राम में ग्रुप बना दिए जाते हैं. सब्ज बाग दिखाकर इनके ग्रुप में शामिल सदस्यों को अपने दोस्त परिवार को ऐड करने के लिए भी कहा जाता है और नए मेंबर लाने के लिए कमीशन भी दिया जाता है. इस वर्क फ्रॉम होम ठगी के कई नाम मिलेंगे जैसे कि टास्क क्योंकि हर सदस्य को एक काम यानी टास्क दिया जाता है जैसे कि वीडियो को लाइक करने का या यूट्यूब चैनल लाइक करने का. इसी तरह का स्कैम क्रिप्टो के नाम पर भी हो रहा है. क्रिप्टो माइनिंग के काम के बहाने से लोगों से पैसे लिए जा रहे हैं.
कहां करें शिकायत? सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते समय सतर्क रहें, कोई अनजान व्यक्ति या साइट आपसे कान्टैक्ट करती हैं तो अलर्ट हो जाएं.. व्हाट्सऐप पर अनजान नंबर से आने वाला कॉल ना उठाएं.. ऐसी तमाम सावधानी बरतने के बावजूद भी अगर आप ठगी के जाल में फंस जाते हैं, पैसे गंवा देते हैं. तो तुरंत नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल cybercrime.gov.in पर या टॉल फ्री नेशनल हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत करें. इसके अलावा स्थानीय पुलिस में भी शिकायत दर्ज करानी चाहिए.
शिकायत की प्रक्रिया तो आपने जान ली लेकिन क्या आप जानते हैं कि अजय जैसे लोग इस तरह के फ्रॉड कॉल का शिकार कैसे बन जाते हैं? अपनी उस आदत की वजह से जो गलती आप भी करते होंगे. क्या आपने भी ध्यान दिया है कि आप अपना फोन नंबर कितनी जगह शेयर करते हैं? शॉपिंग के बाद बिलिंग काउंटर पर, रेस्टोरेंट में खाना खाया और फिर फीडबैक फॉर्म में लिख दिया नंबर, मॉल में घूमते हुए सेल्समैन ने फ्री क्रेडिट कार्ड ऑफर किया, दे दिया नंबर. ये फोन नंबर्स अलग अलग तरह की कंपनियां खरीदती हैं जिनके कॉल सेंटर्स आपको कभी लोन बेचते हैं कभी घर तो कभी वर्क फ्रॉम होम जैसा फ्रॉड. तो अगली बार पब्लिक प्लेटफॉर्म पर जब आपसे आपका फोन नंबर मांगा जाए तो विनम्रता से न कह दें. क्यों इस न में ही है आपकी सुरक्षा.
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