केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए फर्टिलाइजर सब्सिडी के तौर पर जितने बजट का आवंटन किया है. उसका करीब 70 फीसद हिस्सा 7 महीने में ही खप गया है. ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि सरकार को इस साल फर्टिलाइजर सब्सिडी का बजट बढ़ाना पड़ सकता है. चालू वित्त वर्ष में सरकार का फर्टिलाइजर सब्सिडी बिल 2 लाख करोड़ रुपए के पार पहुंच सकता है. बीते सात महीने में फर्टिलाइजर सब्सिडी बजट में आवंटित 1.75 लाख करोड़ रुपए का 70 फीसद को पार कर गया है.
सब्सिडी बढ़ने की वजह से गैर-यूरिया फर्टिलाइजर की खुदरा कीमत स्थिर रहने की उम्मीद है. केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर के मुताबिक वैश्विक स्तर पर फर्टिलाइजर के दाम बढ़ने के बावजूद भारत में इसकी कीमत को बढ़ने नहीं दिया गया. ताजा आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल-अक्टूबर की अवधि के दौरान कुल फर्टिलाइजर सब्सिडी 1,22,975.63 करोड़ रुपए थी. फर्टिलाइजर सब्सिडी के तहत 79,660.35 करोड़ रुपए यूरिया और 43,315.28 करोड़ रुपये फॉस्फोरस (पी) और पोटाश (के) पर खर्च हुए थे.
फॉस्फोरस और पोटाश पर सब्सिडी देने के लिए बजट में आवंटित 44,000 करोड़ रुपए में से अक्टूबर तक 98.4 फीसद तक खत्म हो चुका है. सरकार ने चालू रबी सीजन यानी अक्टूबर-मार्च की अवधि के दौरान फॉस्फोरस और पोटाश पर सब्सिडी देने के लिए 22,303 करोड़ रुपए का आवंटन किया है.