गेहूं की महंगाई पर लगाम लगाने के मकसद से सरकार ने 31 मार्च 2024 तक गेहूं पर स्टॉक लिमिट लगा दी है. पिछले 15 साल में पहली बार गेहूं के ऊपर स्टॉक लिमिट लगाई गई है. साथ में सरकार ने खुले बाजार में अपने स्टॉक से 15 लाख टन गेहूं बेचने का भी फैसला किया है. स्टॉक लिमिट का आदेश सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू होगा. आदेश के तहत ट्रेडर्स एवं थोक कारोबारी 3000 मीट्रिक टन, रिटेल आउटलेट के खुदरा कारोबारी 10 मीट्रिक टन और बड़ी चेन के रिटेलर्स 10 मीट्रिक टन गेहूं रख सकेंगे. वहीं चेन के सभी आउटलेट पर 3 हजार टन गेहूं रखने की इजाजत होगी. खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने इसको लेकर आदेश जारी कर दिया है. बता दें कि पिछले एक महीने में गेहूं की कीमतों में 8 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है.
सरकार खुले बाजार में बेचेगी गेहूं
सरकार अपने स्टॉक से खुले बाजार में करीब 15 लाख मीट्रिक टन गेहूं की बिक्री करेगी. खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने कहा है कि फिलहाल गेहूं के इंपोर्ट की जरूरत नहीं है. उनका कहना है कि देश में गेहूं का पर्याप्त भंडार है और गेहूं के निर्यात पर फिलहाल रोक जारी रहेगी. सरकार ने इस साल किसानों से 341 लाख टन गेहूं खरीद का लक्ष्य रखा था, लेकिन अब तक सिर्फ 262 लाख टन गेहूं की खरीद हो पाई है. निकट भविष्य में सरकारी खरीद में बढ़ोतरी की उम्मीद नहीं है क्योंकि ज्यादातर राज्यों में सरकारी खरीद बंद हो चुकी है.
सरकारी खरीद कम रहने की वजह से खुले बाजार में गेहूं की कीमतों में तेजी बनी हुई है. अप्रैल के अंत में राजधानी दिल्ली में गेहूं का भाव 2,300 रुपये प्रति क्विंटल के नीचे हुआ करता था वह अब 2,500 रुपये के ऊपर पहुंच गया है. पिछले हफ्ते दिल्ली में भाव 2,510 रुपये प्रति क्विंटल दर्ज किया गया था. सरकार ने इसी बढ़ोतरी के देखते हुए स्टॉक लिमिट लगाने का फैसला किया है. सरकार ने महंगाई पर लगाम लगाने के मकसद से 2 जून को तुअर और उड़द पर भी स्टॉक लिमिट लगा दी थी.
Story: Dhirendra Kumar