गर्मी की आमद के साथ ही बिजली के दामों को लेकर चिंता बढ़ जाती है क्योंकि अमूमन मौसम में खपत बढ़ने से दामों में बढ़ोतरी देखने को मिलती है पर अब इस दिशा में केंद्र सरकार ने एक बेहद अहम कदम उठाया है. सरकार ने उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली उपलब्ध कराने और राज्यों की वितरण कंपनियों को कम लागत पर मांग को पूरा करने में मदद के मकसद से बिजली आपूर्ति के नियमों में संशोधन किया है. इसके लिए ऊर्जा मंत्रालय ने बिजली उत्पादन की कुल लागत में कमी लाने के उद्देश्य से ‘डे-अहेड नेशनल लेवल मेरिट ऑर्डर डिस्पैच’ व्यवस्था की संशोधित संरचना को अंतिम रूप दिया है. इससे ग्राहकों को बिजली के लिए कम कीमत चुकानी होगी.
कैसे होगा फ़ायदा इस संशोधित व्यवस्था के तहत जो बिजलीघर सस्ती बिजली बनाएंगे, उसे ऊपर रखा जाता है. इस व्यवस्था में जो बिजलीघर सबसे कम दर पर बिजली उत्पादन करता है, उसे पहले आपूर्ति का मौका दिया जाता है. साथ ही इसे डे अहेड यानी एक दिन पहले ही अंतिम रूप दिया जाएगा जबकि मौजूद व्यवस्था में इसे 1.5 घंटे पहले अंतिम रूप दिया जाता है. अब इस नई व्यवस्था से जो लाभ होगा उसे बिजली बनाने वाले बिजलीघरों और उनके उपभोक्ताओं के बीच शेयर किया जाएगा. इससे लोगों को सालाना बिजली के बिल में बचत का फायदा मिलेगा.
उत्तर प्रदेश में रुकेगी बिजली चोरी इधर उत्तर प्रदेश में स्मार्ट मीटर और डिजिटल सॉल्यूशन प्रोवाइडर कंपनी इंटेलिस्मार्ट को राज्य सरकार 14 जिलों में 67 लाख प्रीपेड मीटर लगाने का ऑर्डर मिला है. डिस्कॉम पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (पीवीवीएनएल) ने इस बारे में आशय पत्र (एलओए) जारी किया है. इस प्रोजेक्ट के तहत स्मार्ट मीटर अमरोहा, बागपत, बिजनौर, बुलंदशहर, गाजियाबाद, जीबी नगर, हापुड़, मेरठ, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, रामपुर, सहारनपुर, संभल और शामली जिलों में शुरू की जाएगी. इस प्रोजेक्ट से सरकार और उपभोक्ता दोनों को फ़ायदा होगा. इससे एक तरफ़ उपभोक्ता को उतनी ही बिजली का बिल चुकाना होगा जितना उसने खर्च की होगी वहीं स्मार्ट मीटर होने की वजह से बिजली की चोरी रुक जाएगी क्योंकि इन मीटर में छेड़छाड़ आसान नहीं होगी. इसके बिल बकाए का पैसा NPA होने से भी बच सकेगा.
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