राष्ट्रीय राजमार्गों और एक्सप्रेस राजमार्गों पर टोल टैक्स शायद कभी कम या खत्म नहीं होगा. कॉन्ट्रैक्ट की अवधि पूरी होने के बाद भी इन राजमार्गों पर टोल टैक्स की वसूली होती रहेगी. केंद्र सरकार ने नेशनल हाइवे प्रोजेक्ट का ठेका खत्म होने पर भी 100 फीसद टोल टैक्स लेने का फैसला लिया है. अभी तक ठेका मियाद पूरी होने पर टोल टैक्स की दरों में 40 फीसद की कमी की जाती है, लेकिन सरकार के फैसले के बाद टोल की दरें घटने की संभावना खत्म हो गई है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मौजूदा समय में केवल कुछ ही टोल परियोजनाएं NHAI के पास वापस आई हैं और निकट भविष्य में कॉन्ट्रैक्ट की अवधि खत्म होने के बाद इनकी संख्या और ज्यादा होने की संभावना है. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने अपनी 6 अक्टूबर को जारी अधिसूचना में कहा है कि राष्ट्रीय राजमार्ग दर 2008 में संशोधन कर दिया गया है. मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि टोल परियोजनाओं में टोल वसूली के ठेके की समयसीमा पूरा होने के बाद टोल टैक्स की दरें 40 फीसद तक कम करने का नियम है.
रियायत समझौते के अनुसार अधिसूचित शुल्क रियायत अवधि के अंत तक लगाया जाएगा और रियायत अवधि खत्म होने के बाद सरकार द्वारा टोल टैक्स की वसूली की जाएगी. साथ ही नियमानुसार सालाना आधार पर टोल टैक्स पर लगने वाले शुल्क को संशोधित किया जाएगा. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार के इस बदलाव के पीछे का तर्क यह है कि ठेके अवधि के दौरान परियोजनाओं के ऊपर खर्च किए गए निवेश की भरपाई टोल टैक्स के जरिए पूरी नहीं हो पाती है. साथ ही सरकारी संस्थाएं अनुबंध अवधि के दौरान भूमि अधिग्रहण के लागत को भी वसूल नहीं कर पाती हैं.