स्वास्थ्य बीमा के निपटान के लिए अब लोगों को परेशान नहीं होना पड़ेगा. बीमा नियामक IRDAI ने देश भर के अस्पतालों में पूरी तरह से कैशलेस स्वास्थ्य बीमा निपटान को लागू करने की योजना बनाई है. इसके लिए अस्पतालों की सामान्य पैनल प्रक्रिया और 100% कैशलेस समिति को इस सिलसिले में एक रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया गया है. वर्तमान में 49% यानी लगभग 25,000 अस्पतालों में कैशलेस बीमा निपटान की सुविधा उपलब्ध है. इस योजना के लागू होने से लगभग 40 करोड़ स्वास्थ्य बीमा पॉलिसीधारकों को लाभ मिलेगा.
जनरल इंश्योरेंस काउंसिल (GIC) के महासचिव इंद्रजीत सिंह की ओर से एक अगस्त को जारी एक आदेश के अनुसार, समिति अक्टूबर के अंत तक राष्ट्रव्यापी कैशलेस निपटान प्रक्रिया शुरू करने के उद्देश्य से साप्ताहिक अपडेट देगी. आईआरडीएआई ने तीन साल के लिए जीआईसी के स्वास्थ्य बीमा निदेशक के रूप में शेखर संपत कुमार को बीमा निदेशक के रूप में नियुक्त किया है. वे चेन्नई में रहेंगे और वहां के सभी अस्पतालों को कैशलेस सुविधा के तहत लाने और उनके लिए सामान्य प्रक्रियात्मक दरें लागू करने की दिशा में काम करेंगे.
क्या होता है कैशलेस सेटलमेंट?
मेडिकल इंश्योरेंस कराने वाले लोगों को अभी दो तरह का कवरेज मिलता है. कैशलेस सेटलमेंट के मामले में बीमा कंपनी ही सीधे अस्पताल को इलाज के खर्च का भुगतान करती है. जहां यह सुविधा नहीं होती है, वहां पॉलिसी होल्डर को पहले खुद से अस्पताल के बिल का पेमेंट करना होता है. बीमा कंपनी बाद में पॉलिसी होल्डर को भुगतान करती है. इसमें ग्राहकों को कई बार परेशानियां होती है. कई बार ऐसा भी होता है लोग पर्याप्त कैश न होने की वजह से सही अस्पताल में नहीं जा पाते हैं. इरडा इसी दिक्कत को दूर करने की कोशिश कर रहा है.