नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय की रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम UDAN पर अपनी ऑडिट रिपोर्ट में खुलासा किया है कि आवंटित रूट्स में से 52 फीसद यानी 774 में से 403 रूट्स पर परिचालन शुरू नहीं हो पाया है. वहीं शुरू किए गए 371 रूट्स में से सिर्फ 112 रूट्स (30 फीसद) ने 3 साल की पूर्ण रियायत की अवधि सफलतापूर्वक पूरी की है.
सीएजी की रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि मार्च 2023 तक इन 112 रूट्स में से 17 क्षेत्रीय हवाई अड्डों को जोड़ने वाले सिर्फ 54 रूट्स 3 साल की रियायत अवधि से ज्यादा परिचालन को बनाए रखने में कामयाब रहे. उड़ान स्कीम के तहत एयरलाइंस को पहली बार अक्टूबर 2016 में कम उड़ान वाले और नहीं उड़ान वाले हवाई अड्डों के लिए कनेक्टिविटी का प्रस्ताव देने के लिए आमंत्रित किया गया था. रिपोर्ट में कहा गया है कि मार्च 2021 तक उड़ान 1, 2 और 3 के लिए बोली के तीन दौर पूरे हो चुके थे. बोली के पहले दौर में 132 क्षेत्रीय रूट के प्रस्ताव मिले थे और उसके आवंटन को मंजूरी दे दी गई थी. ये क्षेत्रीय रूट 45 कम उड़ान वाले और नहीं उड़ान वाले हवाई अड्डों को जोड़ते हैं.
वहीं बोली के दूसरे दौर में 30 कम उड़ान वाले और नहीं उड़ान वाले हवाई अड्डों और 31 हेलिपोर्ट को जोड़ने वाले 228 फिक्स्ड विंग रूट्स और 83 हेलिपोर्ट रूट्स का आवंटन किया गया था. तीसरे दौर की बोली के दौरान 23 कम उड़ान वाले और नहीं उड़ान वाले हवाई अड्डों और 10 वॉटर एयरोड्रोम को जोड़ने वाले 305 फिक्स्ड विंग रूट्स और 26 जल एयरोड्रोम का भी आवंटन किया गया था.
हालांकि सीएजी की रिपोर्ट में यह पता चला है कि योजना को लेकर प्रतिक्रिया सकारात्मक थी. क्षेत्रीय रूट्स पर 2017-18 में यात्रियों की संख्या 2.63 लाख थी जो कि 2022-23 में बढ़कर 24.97 लाख हो गई थी. कैग ने अपनी रिपोर्ट में भविष्य में स्कीम के कार्यान्वयन को बढ़ाने के लिए 16 सिफारिशें भी दी हैं.