देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार लगातार कोशिश में लगी है. इसी क्रम में अब सार्वजनिक परिवहन सेवा में इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल पर जोर देते हुए केंद्रीय कैबिनेट ने पीएम ई-बस सेवा योजना को मंजूरी दे दी है. इस योजना के तहत देशभर में 10 हजार इलेक्ट्रिक बसों का संचालन किया जाएगा. इस योजना में 57,613 करोड़ रुपए खर्च किया जाएगा. दूसरी तरफ, ग्रीन अर्बन मोबिलिटी इनिशिएटिव के तहत देशभर में रैपिड बस ट्रांसपोर्ट के साथ-साथ बाइक शेयरिंग और साइकिल लेन भी बनाई जाएंगी. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने जानकारी दी है.
अनुराग ठाकुर ने दी जानकारी
केंद्रीय कैबिनेट के फैसलों पर ब्रीफिंग के दौरान अनुराग ठाकुर ने कहा कि बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में पीएम ई-बस सेवा को मंजूरी दे दी गई है. पीएम ई-बस सेवा योजना 3 लाख और उससे अधिक आबादी वाले शहरों को कवर करेगी. इस योजना के तहत पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल पर 10,000 ई-बसों के साथ सिटी बस संचालन किया जाएगा. पीएम ई-बस सेवा योजना 10 वर्षों तक बस संचालन का समर्थन करेगी.
पीएम- ईबस सेवा होगी शुरू?
अनुराग ठाकुर ने बताया कि इस योजना के लिए खर्च होने वाले 57,613 करोड़ रुपए में से 20,000 करोड़ रुपए केंद्र सरकार देगी. इलेक्ट्रिक बसों के संचालन के लिए चुनौती पद्धति के आधार पर 100 शहरों का चयन किया जाएगा. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ग्रीन अर्बन मोबिलिटी इनिशिएटिव के तहत रैपिड बस ट्रांसपोर्ट के साथ-साथ बाइक शेयरिंग और साइकिल लेन भी बनाई जाएंगी. नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड, इंटेलिजेंट ट्रांजिट प्रबंधन प्रणाली और मल्टीमॉडल इन्टरचेंज सुविधाओं को भी शामिल किया जाएगा.
सरकार के इस फैसले से कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी और वातावरण संरक्षण की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है. गौरतलब है कि दिल्ली, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक समेत कई राज्यों में पहले से ही सार्वजनिक परिवहन सेवा में इलेक्ट्रिक बसों को चलाया जा रहा है.