भीम आधार पे में किसी व्यापारी को जोड़ने के लिए उसके ब्योरे के वेरिफिकेशन की जिम्मेदारी बैंक की होगी. यह निर्देश भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने एक सर्कुलर जारी कर दी. एनपीसीआई ने व्यापारियों का प्रबंधन करते वक्त बैंकों की प्रमुख जिम्मेदारियों और जवाबदेही तय करने के लिए ये दिशानिर्देश जारी किए हैं.
एनपीसीआई का कहना है भीम आधार पे के लिए व्यापारियों का अधिग्रहण, प्रबंधन और निगरानी करने की जिम्मेदारी अधिग्रहण करने वाले बैंकों की है. बैंक सीधे, एग्रीगेटर या साझेदारों के जरिए अपने साथ जुड़े व्यापारियों के लिए जिम्मेदार होंगे. इससे धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों पर लगाम लगाने और फर्जीवाड़े की समस्या भी दूर होगी.
EPS अपनाने की सलाह
एनपीसीआई ने धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों को कम करने लिए आधार आधारित भुगतान प्रणाली (EPS) का उपयोग करने की भी सलाह दी. इसके अलावा सदस्यों को व्यापारियों को जोड़ते वक्त उचित व्यापारी श्रेणी कोड (MCC) जारी करने के लिए भी कहा.
बैंकों को दिए गए ये निर्देश
एनपीसीआई ने अधिग्रहण करने वाले सदस्य बैंक को व्यापारी गतिविधियों जैसे – ऑन-बोर्डिंग मानदंड, लेनदेन की निगरानी और नियंत्रण, और प्रशिक्षण आदि की निगरानी करने को कहा.इसी तरह बैंकों को यह भी ध्यान रखना होगा कि व्यापारी अधिग्रहण के लिए बोर्ड की ओर से एप्रूव्ड नियमों का पालन किया गया हो. जोखिम को कम करने के लिए व्यापारी अधिग्रहण और पोर्टफोलियो निगरानी पर के लिए भी जिम्मेदारी तय करनी होगी.
क्या है भीम आधार पे?
यह डिजिटल ट्रांजैक्शन के लिए बायोमैट्रिक बेस्ड पेमेंट सिस्टम है, जिससे यूजर्स अपना अंगूठा लगाकर पेमेंट कर पाएंगे. इसके लिए लोगों को किसी डेबिट या क्रेडिट कार्ड के साथ इंटरनेट बैंकिंग या इंटरनेट कनेक्शन की जरूरत नहीं होगी. इस पेमेंट सिस्टम को खासतौर पर खरीददारी करने वाले लोगों के लिए बनाया गया है. ये पेमेंट सिस्टम भीम ऐप के साथ काम करता है.