बासमती चावल आने वाले दिनों में महंगा हो सकता है. दरअसल, अमेरिका ने पिछले 5 साल में दक्षिण कोरिया के पास जमा ईरान के 6 अरब डॉलर पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया है. ईरान को यह पैसे कच्चे तेल की बिक्री से मिले थे. इसके अलावा पाकिस्तान बासमती चावल के निर्यात का न्यूनतम मूल्य को बढ़ाने की योजना बना रहा है. ऐसा होने पर घरेलू निर्यातकों को बासमती चावल के लिए ज्यादा कीमत मिलने में मदद मिलेगी. इसके अलावा सरकार के द्वारा बासमती चावल के ऊपर 1,200 न्यूनतम निर्यात मूल्य तय करने के फैसले के खिलाफ निर्यातकों के एक वर्ग द्वारा चलाए जा रहे अभियान का मुकाबला करने में भी मदद मिलेगी.
ईरान ने 5 अमेरिकी कैदियों को रिहा किया
बता दें कि अमेरिका और ईरान के बीच प्रिजनर्स डील के बाद अमेरिका ने यह कदम उठाया है. वहीं दक्षिण कोरिया द्वारा अपनी मुद्रा वॉन को यूरो में परिवर्तित करने के बाद स्विट्जरलैंड से कतर पहुंचने के बाद ईरान ने सोमवार को पांच अमेरिकी कैदियों को रिहा कर दिया था. गौरतलब है कि दक्षिण कोरिया ने 2018 में ईरान द्वारा सप्लाई किए गए कच्चे तेल के लिए इस पैसे को रोक कर रखा हुआ था. दरअसल, अमेरिका ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को देखते हुए 2019 में ईरान के क्रूड एक्सपोर्ट के खिलाफ प्रतिबंध लगा दिए थे.
डील से बासमती और चाय को होगा फायदा
दूसरी ओर डील के अनुसार अमेरिका द्वारा भी 5 ईरानी कैदियों को रिहा करने की उम्मीद है. हालांकि उनमें से 2 कैदियों के अमेरिका में ही रहने की उम्मीद है. हालांकि दक्षिण कोरिया से मिला धन ईरान सिर्फ भोजन और चिकित्सा जैसी मानवीय चीजों में ही उपयोग कर सकेगा. विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिका-ईरान के बीच हुई कैदियों की अदला-बदली डील के मद्देनजर फार्मास्युटिकल दवाओं के अतिरिक्त भारतीय बासमती और चाय को स्पष्ट रूप से फायदा मिलेगा. उनका कहना है कि ईरान पर लगे प्रतिबंध के बाद इन वस्तुओं का निर्यात प्रभावित हुआ है. सरकार के द्वारा तेहरान से कच्चा तेल खरीदना बंद करने के बाद ईरान द्वारा रुपया-रियाल अकाउंट में धन खत्म होने से भारत की बासमती और चाय का निर्यात प्रभावित हुआ है. बता दें कि ईरान द्वारा इस अकाउंट का उपयोग मुख्य रूप से भारत से अनाज की खरीद के लिए किया जाता है.