Basmati Rice Price: पाकिस्‍तान से सस्‍ता चावल बेचेगा भारत!

भारत ने घरेलू बाजार में चावल की कीमतों को बढ़ने से रोकने के लिए बासमती का न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य 1200 डॉलर प्रति टन तय कर रखा है

Basmati Rice Price: पाकिस्‍तान से सस्‍ता चावल बेचेगा भारत!

Basmati Export From India: बासमती चावल के वैश्विक बाजार में कहीं पाकिस्‍तान बाजी न मार जाए, इसलिए अब भारत सरकार बासमती चावल पर लगे न्‍यूनतम निर्यात मूल्‍य पर बड़ा फैसला ले सकता है. पाकिस्‍तान ने वैश्विक बासमती चावल बाजार में अपनी हिस्‍सेदारी बढ़ाने के लिए बासमती का न्‍यूनतम निर्यात मूल्‍य 1050 डॉलर प्रति टन तय किया है. जो भारत के न्‍यूनतम मूल्‍य से काफी कम है. भारत ने घरेलू बाजार में चावल की कीमतों को बढ़ने से रोकने के लिए बासमती का न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य 1200 डॉलर प्रति टन तय कर रखा है. इस वजह से भारत से बासमती का निर्यात घटने का भी डर सता रहा है.

पाकिस्‍तान को आगे निकलने से रोकने के लिए भारत अब एक बड़ा कदम उठाने जा रहा है. भारत बासम​ती चावल के निर्यात शुल्क में कटौती कर सकता है. भारत बासमती चावल के न्‍यूनतम निर्यात मूल्‍य में 200 से 300 डॉलर प्रति टन की कटौती कर सकता है. अभी भारत ने बासमती चावल के लिए 1200 डॉलर प्रति टन का न्‍यूनतम निर्यात मूल्‍य तय कर रखा है. अगर भारत ये कदम उठाता है तो दुनियाभर में बासमती चावल की कीमत कम हो सकती है.

इकोनॉमिक टाइम की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की तरफ से की जाने वाली यह कटौती एक्सपोर्ट्स को भी राहत देगी. दरअसल, कई राज्यों में होने वाले चुनाव को देखते हुए सरकार किसानों को नाराज नहीं करना चाहती है. पंजाब, हरियाणा और वेस्ट यूपी के किसानों को देखते हुए यह कटौती महत्वपूर्ण है. अभी भारत द्वारा न्‍यूनतम निर्यात मूल्‍य 1,200 डॉलर प्रति टन है, जिससे किसानों को प्रति एकड़ 10,000 रुपए का नुकसान हो रहा है.

गौरतलब है कि सरकार द्वारा न्यूनतम निर्यात मूल्य की घोषणा के बाद नई कटाई वाले बासमती चावल की कीमतों में 400 रुपए प्रति क्विंटल की गिरावट आई है. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बासमती निर्यातकों के साथ बैठक में एमईपी को घटाकर 850 डॉलर प्रति टन करने पर चर्चा की है. ऑल इंडिया राइस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के एक सदस्य ने कहा कि संभावना है कि मंत्रालय बुधवार या गुरुवार तक इस पर आदेश जारी कर सकता है. अगर इसकी अनुमति दी जाती है तो घरेलू मार्केट पर इसका कोई असर नहीं होगा, क्योंकि कई तरह के बासम​ती चावल सिर्फ निर्यात के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं.

Published - September 26, 2023, 03:46 IST