ग्राहकों को जबरन उत्पाद नहीं बेच पाएंगे बैंक

आरबीआई की समिति ने दिए सुझाव, शिकायत मिलने पर होगी कार्रवाई

ग्राहकों को जबरन उत्पाद नहीं बेच पाएंगे बैंक

बैंक अक्सर ग्राहकों को बीमा की मिस-सेलिंग कर देते हैं. यानी ऐसा बीमा उन्हें थमा देते हैं जो वह लेना नहीं चाहते और इससे उन पर अनावश्यक वित्तीय बोझ बढ़ जाता है. अब इसे रोकने के लिए आरबीआई ने ग्राहक सेवा में सुधार और बैंकिंग को परेशानी मुक्त बनाने के लिए दिशानिर्देश दिए हैं. आरबीआई (RBI) के पूर्व डिप्टी गवर्नर बीपी कानूनगो की अध्यक्षता वाली सात सदस्यीय समिति ने ग्राहकों के लिए परेशानी कम करने, उनके हितों को सुरक्षित रखने और उनके साथ उचित व्यवहार सुनिश्चित करने के लिए कई उपाय सुझाए हैं.

RBI के पैनल की नई सिफ़ारिशों के अनुसार अब कोई बैंक अगर मिस सेलिंग करेगा तो लेखा परीक्षकों की जांच की जाएगी. हालांकि इसके लिए बैंक पहले ही ज़िम्मेदार हैं. RBI ने कई बार कहा है कि बैंक ग्राहकों को बीमा या म्यूचुअल फंड में लिए सभी नियम-शर्तें बताएं और झांसे में लेकर निवेश करने के लिए नहीं कह सकते हैं. इसके बावजूद ऐसे मामले आए जब ग्राहक कम जानकारी होने या ग़लत जानकारी दिए जाने की वजह से मिस सेलिंग के जाल में फंस जाता है.

दरअसल, बैंकों को वास्तव में अपने ग्राहकों को बीमा और म्यूचुअल फंड जैसे तीसरे पक्ष के उत्पाद बेचने की अनुमति है और ये कानून के खिलाफ भी नहीं है. अब अगर ग्राहक को बैंक द्वारा मुहैया कराए गए ऐसे किसी उत्पाद को लेकर कोई शिकायत होती है तो कई दफ़ा बैंक की ओर से उसे कोई मदद नहीं मिलती और इन्हें बेचने के बाद बैंक सारी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ लेते हैं.

मिस सेलिंग की कहां करें शिकायत?
आरबीआई के दिशानिर्देशों के मुताबिक जो ग्राहक बैंकों द्वारा तीसरे पक्ष के उत्पादों को गलत तरीके से बेचते हैं, वे अब सीधे बैंकिंग लोकपाल के पास जा सकते हैं. आरबीआई ने बैंकिंग लोकपाल योजना 2006 के दायरे का विस्तार कर दिया है ताकि बैंकों द्वारा बीमा, म्युचुअल फंड और अन्य तीसरे पक्ष के उत्पादों को बेचने से उत्पन्न होने वाली कमियों को शामिल किया जा सके. बैंकिंग लोकपाल योजना बैंकों द्वारा दी जाने वाली सेवाओं से संबंधित शिकायतों के समाधान को सक्षम बनाती है और यह ऐसी शिकायतों के निपटान की सुविधा प्रदान करती है. बैंकिंग लोकपाल अगर खामी पता है तो वो शिकायत कर्ता को समय और धन की हानि, उत्पीड़न और मानसिक पीड़ा के लिए अधिकतम 1 लाख रुपए का मुआवजा दे सकता है.

RBI की समिति के अन्य सुझाव
समिति जो सुझाव दिए हैं उनमें प्रीपेड उपकरणों जैसे वॉलेट में जमा राशि के लिए जमा बीमा कवर का विस्तार करना, गिरवी रखी गई संपत्तियों को रिलीज करने उपायों को आसान बनाना, आसानी से केवाईसी अपडेट को पूरा करना और पेंशनभोगियों के लिए जीवन प्रमाण पत्र किसी भी शाखा में जमा करने की सुविधा प्रदान करने जैसे उपाय शामिल हैं. समिति की रिपोर्ट ने उन परेशानियों पर ध्यान केंद्रित किया है जिनका ग्राहक आए दिन सामना करते हैं.

Published - June 6, 2023, 03:41 IST