शिवानी के फोन पर लोन ऑफर का मैसेज आया है. वह अपने दोस्त कमल को दिखाकर खुश हो रही है. कमल कहता है कि ज्यादा खुश मत हो. लोन लेने से पहले सबकुछ चेक कर लेना. पता है लोन से जुड़े कितने फ्रॉड हो रहे हैं देश में? शिवानी इस तरह के फ्रॉड से अनजान है. आइए शिवानी के लिए रिजर्व बैंक की सालाना रिपोर्ट 2022-23 के फ्रॉड से आंकड़े देखते हैं. इस रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2021-22 में कुल 9,097 फ्रॉड हुए थे और इनकी संख्या 2022-23 में बढ़कर 13,530 हो गई.. यानी फ्रॉड की संख्या करीब 48 फीसद बढ़ गई. हालांकि फ्रॉड में जो राशि शामिल थी वह 49 फीसद घट गई. वित्त वर्ष 2021-22 59,819 करोड़ रुपए का फ्रॉड हुआ जो कि 2022-23 में घटकर 30,252 करोड़ रुपए रह गया. फ्रॉड की राशि में इस कमी का मतलब क्या समझे? यानी कि छोटे-छोटे फ्रॉड हुए. फ्रॉड का अमाउंट घटा लेकिन ज्यादा घटनाएं हुईं. यही शिवानी के मतलब की खबर कि कुल जितनी राशि के फ्रॉड हुए, उसमें लोन फ्रॉड की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा है.
कहां और कैसे हो रहे हैं फ्रॉड? रिजर्व बैंक के डेटा के मुताबिक देश में हुए 30,252 करोड़ रुपए के बैंकिंग फ्रॉड में लोन से जुड़े फ्रॉड का हिस्सा 28,792 करोड़ रुपए यानी 95 फीसद था. वैल्यू के हिसाब से लोन के नाम पर सबसे ज्यादा पैसे फ्रॉड के हत्थे चढ़े. अब समझिए फ्रॉड कैसे हुआ? डिजिटल पेमेंट यानी ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के जरिए खूब फ्रॉड हुआ, ओटीपी मांग कर कार्ड पेमेंट से चोरी हुई, यूपीआई पेमेंट जितना पॉपुलर रहा उससे फ्रॉड भी हुआ.
निजी बैंकों में ज्यादा फ्रॉड आरबीआई की रिपोर्ट बताती है कि निजी बैंक फ्रॉड के मामले में कमजोर रहे. इनमें ज्यादा फ्रॉड हुए. वर्ष 2022-23 में सरकारी बैंकों ने 3,405 फ्रॉड की जानकारी दी, वहीं निजी बैंकों में 8,932 मामले सामने आए.. हालांकि फ्रॉड अमाउंट के मामले में सरकारी बैंक आगे रहे और इनमें 21,125 करोड़ रुपए की ठगी हुई तो निजी क्षेत्र से जुड़े फ्रॉड की रकम 8,727 करोड़ रुपए थी.
क्या हो रहे उपाय? रिजर्व बैंक का कहना है कि वह बैंकिंग सेक्टर में होने वाले फ्रॉड की रोकथाम के लिए और सख्त कदम उठाएगा. इस पर RBI के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर रोहित जैन का कहना है कि बैंकों और वित्तीय संस्थानों को अपनी बैंकिंग सिक्योरिटी स्ट्रक्चर को और पुख्ता करने के लिए कदम उठाना होगा और इसकी तरफ खर्च बढ़ाने की जरूरत है. अभी तक फ्रॉड कम करने के लिए रिजर्व बैंक ने जो कदम उठाएं उसमें सितंबर 2022 में डिजिटल लेंडिंग के रेगुलेशन से जुड़ी गाईडलाइंस हैं. आरबीआई ने बैंकों और गैर बैकिंग लेंडर्स के प्रोसेस में ज्यादा पारदर्शिता लाने के लिए उनकी लाइसेंसिंग से लेकर कामकाज के तरीके पर नियम बनाए, इस साल के बजट में देश में साइबर सिक्योरिटी ढांचा बेहतर करने के लिए 625 करोड़ रुपए का आवंटन भी किया गया है. रिजर्व बैंक लगातार फर्जी ऐप्स पर कार्रवाई कर रहा है. फ्रॉड से बचाने के लिए आरबीआई की वेबसाइट पर भी रजिस्टर्ड बैंक और नॉन बैंकिंग वित्तीय कंपनियों की लिस्ट जारी की है ताकि लोग ठगी से बच सकें.
सतर्क रहें सुरक्षित रहें बैंकिंग सेक्टर से जुड़े फ्रॉड्स का शिकार हो रहें लोगों में अगला नाम आपका भी हो सकता है. इसलिए अपने बैंकिंग डीटेल्स जैसे कि अकाउंट नंबर, डेबिट व क्रेडिट कार्ड नंबर और उस पर छपे सीवीवी (CVV) को कभी शेयर न करें. एक और चीज जो शेयर नहीं करनी है वो है ओटीपी (OTP). कार्ड ट्रांजैक्शन के लिए मिलने वाले इस सीक्रेट पासवर्ड को अपने सीक्रेट ही रखें. पेमेंट के लिए भेजे गए अननोन सोर्स के लिंक पर क्लिक न करें, और आसानी से मिलने वाले ऑनलाइन लोन ऑफर्स से सावधान रहें. लोन के लिए सीधे बैंक जाएं, लोन ऐप्स से लोन ले रहे हैं तो उस ऐप की वैधता चेक कर लें कि वह रिजर्व बैंक में रजिस्टर्ड है या नहीं, इसकी भी पड़ताल करें. इन बातों का ख्याल रखेंगे तो आप अपने पैसों की सही हिफाजत कर पाएंगे.
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